काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुर्मांचल में प्राचीन काल में जहाँ भी मन्दिरों का निर्माण हुआ, वह आबादी से हट कर कोई शान्त तथा रमणीक स्थल, अथवा देवदार या चीड़ के वनों के मध्य स्थित, या पुराणों से सम्बन्धित कोई... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उन सम्मोहक और छलछलाते हुए कामरस से ओत-प्रोत दिव्य नारी स्वरूपों को आप कहेंगे जो किसी सुरम्य शिखर और पुष्पित उपत्यका, शांत सरोवर या गिरिवन में प्रकट होकर किसी सुन्दर युवक का अपहरण कर ग... Read more
उत्तर रेलवे के कोटद्वार स्टेशन से 42 कि०मी० पुरातन शहर दुगड्डा से 27 कि०मी० उत्तर में 136 पुरानी छावनी युक्त एक छोटा किन्तु सुन्दर नगर लेन्सडौन लगभग 1780 मी० की ऊंचाई पर बसा है. लैन्सडोन का समस्त गढ़वाल के जनजीवन से एक अटूट सम्बन्ध है. स्वतंत्रता से... Read more
उत्तराखंड की खूबसूरती से हर कोई परिचित है देश-विदेश के लोग यहां की नैसर्गिक सुंदरता से आकर्षित होकर यहां घूमने आते हैं. हिंदी सिनेमा जगत भी यहां के आकर्षण से बच नहीं पाया है. हिंदी सिनेमा के आरंभ से ही यहां के हिमालय क्षेत्रों में कई हिंदी फिल्मों की... Read more
अल सुभह गांव के चौराहे वाले चबूतरे पर ननकू नाई उकड़ूं बैठकर अपने औजारों की सन्दूकची खोजने ही जा रहा था कि मिट्ठू आन पहुंचा.(Story by Bhagwati Prsaad Joshi) – राम-राम ननकू भाई – राम राम भाई मिट्ठू, बोल कोई काम? – बाल बनवाने हैं मूंड... Read more
एक भै लाट. एक बखत उ आपण सैंणी कैं बुलूण हैं सौरास हैं बटी रौछ्यू. जाण बखत वीलि इज छैं पूछ — इजौ मै सौरास जाबेर के खून? इजलि कै तू खीचड़ी भलि माननेर भये खीचड़ी खाये. लाटलि कै — पैं मैं खीचड़ी कून भूलि जून. इज — तू खीचड़ी कून-कून जाये.(Folk Story in Ku... Read more
पहाड़ में आण-काथ-लोक गाथाओं का अक्षय भंडार हुआ जिनके असंख्य किस्से आमा-बुबू के मुँह से नानतिनों तक पहुँच सुनहरी यादों को रचा-बसा देने वाले हुए. उस पर शारीरिक चेष्टाओं के द्वारा प्रकट भाव के विशिष्ट नृत्य जिनकी स्मृति से बदन में कम्प लहराने लगे, तभी इ... Read more
बैंगनी, भूरे और नीलम पहाड़ियों के बीच रूपा नदी ने एक सुरम्य घाटी बना दी थी. हरे-भरेधान के खेतों के मध्य एक छोटा सा सुंदर गांव, नाम था देवी सैंण. आधुनिकता तथा कृत्रिम वातावरण से दूर लगता. कलयुग का अर्थ पिचाश वहां अभी नहीं पहुंचा था. सर्वत्र सतयुग का र... Read more
उत्तराखंड की मानसखंड पर आधारित झांकी को गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों में पहला स्थान मिला है. इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में उत्तराखण्ड की झांकी ने सभी को खूब आकर्षित किया. यह झांकी मानसखंड थीम पर आधारित थी.... Read more
इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में उत्तराखण्ड की झांकी ख़ास होगी. उत्तराखंड राज्य की झांकी का नाम है मानसखण्ड. झांकी के आगे और बीच के भाग में कार्बेट नेशनल पार्क का दृश्य है जिसमें हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर के... Read more