पिछली कड़ी अलविदा नैनीताल हां, नैनीताल ही याद आता रहा और मैं जैसे कहीं दूर खड़ा होकर मन ही मन उसे देखता रहा… पानी से डबाडब भरा विशाल ताल और हरे-भरे जंगलों से घिरा मेरा शहर नैनीताल. बांज, रयांज, देवदार और सुरई के पेड़. चीना पीक, स्नो व्यू, लड़ियाकां... Read more