आज उसके मन में जाने कैसी उथल पुथल मची है. सारी रात करवटें बदलते हुए ही गुजरी और न जाने कब सवेरा हो गया. ईजा ने एक झटके में उसके सिर से रजाई हटाई और बोली, जल्दी उठ, पंडितजी आने वाले होंगे. इतना कहकर वह खुद तो हड़बड़ाती हुई रसोई की तरफ बढ़ गई और [... Read more