हमारी जरूरत को तुम लूट का बिंदु बनाते हो -शिवप्रसाद जोशी कुदरत इसी तरह से प्रहार करती आई है. 16-17 जून 2013 का प्रहार विध्वसंक था, जानलेवा था. सैलानी थे शोर था वाहन थे धर्मांधता थी. और वर्चस्व और विवाद थे. और इधर जब आंसू सूख चुके हैं और दूर गिरी ज़िं... Read more