58 तरह का ब्रह्मकमल हालांकि इसका नाम ब्रह्मकमल (Brahmakamal) है पर यह तालों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन में होता है. ब्रह्मकमल 3000-5000 मीटर की ऊँचाई में पाया जाता है. ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प (State flower of Uttarakhand) है. और इसकी भ... Read more
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर रानीबाग (हल्द्वानी) में जियारानी का मेला लगता है. मकर संक्रांति (उत्तरायणी) के अवसर पर यहाँ एक ओर पवित्र स्नान चलता है तो दूसरी ओर जागर. जागर, बैर इत्यादि को सुनने वालों की भीड़ रात भर यहाँ मौजूद रहती है. कति... Read more
पीटर बैरन ने बायीं ओर की सलेटी शिला पर कुछ पलों के लिए अपनी पीठ टिकायी और जैकेट की ऊपरी जेब से डायरी निकालकर उसमें आज की तारीख का पन्ना खोला : 27 अप्रेल, 1835. उम्मेद सिंह और दुर्गादत्त पीठ पर लदे अपने सामान के प्रति एकदम लापरवाह-से तेजी से बढ़े चले आ... Read more
अतीव सुन्दर जोहार घाटी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बहने वाली गोरीगंगा नदी के किनारे अवस्थित है. परम्परागत रूप से जोहार घाटी को तीन भौगोलिक हिस्सों में बाँट कर देखा जाता रहा है – मल्ला (ऊपरी) जोहार, तल्ला (निचला) जोहार और गोरीफाट. विश्वविख्यात मिलम... Read more
गजे घले ने वैसे तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के नाकों चने चबवा के उस समय का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विक्टोरिया क्रॉस हासिल किया, परन्तु अल्मोड़ा से दिखने वाले हिमालय पर्वतमाला जिसमें मुख्य रूप से त्रिशूल, नंदादेवी, नंदाकोट, नंदाघुंटी, पंच... Read more
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 6) लौटते हुए ज्यादा परेशानी नहीं हुई पर अब बर्फ पिघलने लगी है इसलिये रास्ते में फिसलन हो गयी है जिससे चलने में परेशानी हो रही है. इस समय लगा कि सुबह जल्दी निकलने का फैसला कित... Read more
[वरिष्ठ लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी के संस्मरण और यात्रा वृत्तान्त आप काफल ट्री पर लगातार पढ़ते रहे हैं. पहाड़ पर बिताए अपने बचपन को उन्होंने अपनी चर्चित किताब ‘मेरी यादों का पहाड़’ में बेहतरीन शैली में पिरोया है. ‘मेरी यादों का पहाड़’... Read more
आजादी की चेतना जगाने के लिए कुमाऊं के कई इलाकों में महात्मा गांधी घूमे. लेकिन कौसानी उनको इतना भाया कि उन्होंने यहां लंबा प्रवास किया. बापू 24 जून 1929 को कौसानी पहुंचे और 7 जुलाई तक यहां रुके. 14 दिन के इस प्रवास के दौरान कुमाऊं में आजादी के आंदोलन... Read more
सरकार के ठेंगे पर विधानसभा -जगमोहन रौतेला पिछले दिनों हुए विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा सरकार के अनेक मन्त्रियों के बिना तैयारी के सदन में जाना अनेक गम्भीर सवालों को जन्म दे रहा है. विधानसभा के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या मन्... Read more
(पिछली क़िस्त – दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ – 2) कहे अनुसार सुबह ठीक छह बजे परशु गिलास भर कर चाय दे गया. मैं छत पर गया तो देखा, चारों ओर पहाड़ों पर सुनहरी धूप खिल रही थी. पीछे बहुत बड़े मैदान में कुछ लोग सुबह की सैर कर रहे थे. चारों ओर पहाड़ों को [... Read more