‘किस खेत की मूली’ (कमजोर या अधिकारविहीन, ‘मूली-गाजर समझना’ (कमजोर) और ‘खाली मूली में’ (व्यर्थ में) जैसी लोकोक्तियां अथवा वाक्यांश यह सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं कि मूली को बेहद मामूली, कमजोर व एक तरह से तिरस्कृत सा मान लिया गया है. देश के दूसरे भा... Read more