काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree ऐतिहासिक स्तर पर कुमाऊं के ‘संस्कृतीकृत नाम ‘कूर्मांचल’ का सर्वप्रथम अभिलेखीय उल्लेख चम्पावतस्थ नागमंदिर के अभिलेख में पाया जाता है. पौराणिक परम्परा के अनुयायी लोग इ... Read more
उसका नाम सोनी था और लोग प्यारवश उसे सोना कहते. बचपन से ही उस के सौंदर्य को देख लोग कहा करते- किसी सेठ घराने में ही ब्याही जाएगी जहाँ दस तोले की नथ पहन सके.(Sona Uttarakhand Stories) और ज्यों – ज्यों वह बड़ी होती लोग अपनी वाणी दुहराते. धीरे-धीरे सोनी... Read more
बहुत सारे मुखौटे हैँ एक दूसरे से अलग -थलग. सबकी सोच भी जुदा-जुदा सी. इनके पीछे छिपे चेहरे व्यवस्था की बागडोर संभालते हैं. चाकर हैं तो सबकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं कुछ मान्यताओं और संकल्पनाओं की बुनियाद पर खड़ी की गई है, जिसका उद्देश्य है सेवा. आकंठ वि... Read more
‘जिस मकान पर आपके बेटे ने ही सही, बडे़ फख्र से ‘बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ की तख़्ती टांग दी थी, उसमें देवकी पर्वतीया का खून-पसीना लगा है. यह नाम कभी आपने ही उन्हें दिया था लेकिन नेम प्लेट पर अपने नाम के साथ इसे भी शोभायमान करना आप भूले ही रहे (पृष्ठ-41)... Read more
लोग हमें गाँव में भी ‘बिद्दू’ ही पुकारते थे, दिल्ली शहर तो दिल्ली ही हुआ. यहाँ गाँव भनौरा, तहसील पट्टी, जिला-प्रतापगढ़, यू०पी० के न सिर्फ ये कि गरीब, बल्कि करीबन अनाथ गवई लरिका की हैसियत कितनी? लेकिन पुकारे चाहे कोई भी सिर्फ ‘बिद्दू... Read more
काली नदी में सबसे ज्यादा जलीय योगदान करने वाली सरमूल से निकलने वाली सरयू और डेबरा श्रेणी भटकोट से निकलने वाली गोमती नदी बागेश्वर में सरयू के रूप में एकाकार हो जाती है. बागेश्वर से कपकोट की तरफ लगभग 3 किलोमीटर बालीघट तक घाटी में सरयू के समानान्तर चलते... Read more
‘हिमालय बहुत नया पहाड़ होते हुए भी मनुष्यों और उनके देवताओं के मुक़ाबले बहुत बूढ़ा है. यह मनुष्यों की भूमि पहले है, देवभूमि बाद में, क्योंकि मनुष्यों ने ही अपने विश्वासों तथा देवी-देवताओं को यहां की प्रकृति में स्थापित किया. हिमालय के सम्मोहक आकर्षण... Read more
नए-नए बछड़ों की जोड़ी को शुरू-शुरू में कंधों पर जुवा रखकर खेत में ख़ाली घुमाया जाता है. खुले वन में स्वच्छंद चरने, विचरण करने, कुलांचें भरने वाला बछड़ा समझ नहीं पाता कि उसे ज़बरदस्ती बाँधकर इस तरह क्यों घुमाया जा रहा है. घूमने में उसे कोई हर्ज नहीं म... Read more
सल्लाम वाले कुमत्यारा वे गौड़ गाजिना, सल्लाम वाले कुमम्यारा मियां रतना गाज़ी, सल्लाम वाले कुमतेरी वो बीवी फातिमा, सल्लाम वाले कुम…केशव ‘अनुरागी’ का स्मरण होते ही कानों में सम्मोहित कर देने वाला अद्भुत यह गायन गूंजने लगता है. (Keshav Anuragi Musician... Read more
कोई 30-31 वर्ष तक आकाशवाणी के शॉर्ट वेव 61.48 यानी 4480 किलोहर्ट्ज पर रोज शाम सुदूर पर्वतीय अंचल (उत्तराखण्ड) के श्रोता ठीक शाम 5.45 बजे सुनते थे दो सुपरिचित आवाजें –उत्तरायण का श्रोताओं की सेवा में वीर सिंह और शिवानंद को सादर नमस्कार.भुला, शिव... Read more