गैरसैण एक शब्द है पानी की बची हुई बूंद को छाल की शिराओं में सँजोकर हरा होना सीखा था इसने खिलना सीखा था अब जब नाखून के पोर लाल हो उठे थे किसने देखा कि इसके हाथों में निचुड़े हुए बुरांश के फूल हैं(Gairsain Poem Amit Srivastava) हथेली की गर्म सांस से चिप... Read more