(पिछली क़िस्त – दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ – 1) गडोलिया गांव से निकलते समय बांध के पानी के उस पार देखा. वहां पहाड़ की गोद में खंडहर हुआ गांव उभर आया था. माचिस के डिब्बों जैसे टूटे मकान थे, सपाट सीढ़ीदार खेत थे और घरों के आसपास तथा मेंड़ों पर कभी... Read more