आधुनिकता को अंग्रेजों के आगमन और उनकी भाषा के साथ आये ज्ञान-विज्ञान के साथ जोड़कर देखा जाता है. कुछ हद तक इस बात में सच्चाई हो सकती है, मगर जो नया समाज भारत में बना, उसके लिए सिर्फ यूरोपीय आधुनिकता को श्रेय देना निश्चय ही अधूरा सच है. यह कहना भी ठीक... Read more
उत्तराखंड नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में एक इमेज उभरकर आती है और वह है चार धाम. हमने उत्तराखंड को एक इमेज में बांध दिया है. खासकर 2013 की आपदा के बाद बाहरी लोग उत्तराखंड को केदारनाथ की वजह से ज्यादा जानने लगे हैं. उत्तराखंड में पर्यटन के केन्द्र पर... Read more
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में अवस्थित सीमान्त व्यांस घाटी के पहले गाँव बूदी से गर्ब्यांग तक की दूरी कुल 9 किलोमीटर है. पिछले कोई पचास साल से इस गाँव को ‘धंसता हुआ गाँव’ की ख्याति मिली है. एक ज़माने में यह गाँव एक विशाल चौरस मैदान पर... Read more
न किताब छन- न किताबें हैंन मासाब छन- न मास्टर साहब हैंकी छ पें?- क्या है फिर?कि चैं पें?- क्या चाहिये फिर?किताब और मासाब- किताब और मास्टर साहब यह पोस्टर बनाया है पिथौरागढ़ के लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रों ने जो पिछले 23 द... Read more
चलो सखी पर्वत है आएं सब आपस में चंदा करकैंडीजल की गाड़ी में भर कैंदेहरी छू भज आएं चलो सखी पर्वत है आएं काउ नाव में बैठ-बाठ कैंमाल रोड की काउ लाट पैंस्लीवलेस पे टैटू गाँठ कैंसेल्फ़ी खूब खिचाएँ चलो सखी पर्वत है आएं रोहतांग पर जायकैं खेलै... Read more
उत्तराखण्ड में पर्यटकों के आने की संख्या इस साल अच्छी खासी है. इससे पर्यटन कारोबारियों के चेहरों में रौनक आना भी स्वाभाविक है. चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा इस साल 2013 की पर्यटक संख्या को पार कर लेगा ऐसा अनुमान है. मसूरी, नैनीताल जै... Read more
उत्तराखण्ड के कई पर्यटन स्थल सरकारी पर्यटन नीति के रहमोकरम पर नहीं हैं, इनमें से एक है नैनीताल. नैनीताल मसूरी के बाद राज्य का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. सैलानियों के बीच नैनीताल की लोकप्रियता के कई कारण हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों के जो आ... Read more
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में है हरसिल. हरसिल उत्तरकाशी गंगोत्री मार्ग पर 72 किमी की दूरी पर है. मनोरम पर्यटन स्थल के तौर पर जाना जाने वाला हरसिल भारत के प्रमुख सैन्य अड्डों में से है. भारत चीन सीमा पर होने के कारण हरसिल सेना का रणन... Read more
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के पीछे छिपे बदनुमा दागों पर चर्चा कम ही होती है. 26 अप्रैल की रात गढ़वाल मंडल के गाँव कोट में बसाणगाँव निवासी 21 साल के दलित युवक जितेन्द्र की हत्या कर दी गयी थी. सवर्णों द्वारा यह हत्या सिर्फ इतने भ... Read more
गढ़वाली राजा सुदर्शन शाह की राजनैतिक और आर्थिक स्थिति शुरुआत में बहुत खराब थी. कनखल के युद्ध के बाद एक बात वह समझ गया था कि उसकी भलाई अंग्रेजों की भक्ति में ही है. भारत के अधिकांश छोटे राजाओं की तरह सुदर्शन शाह ने अपना जीवनकाल अंग्रेजों की भक्ति में ह... Read more