28 जून के दिन का यह पोस्ट पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के फेसबुक पेज का है. यह पोस्ट हाल ही में नंदा देवी में आठ पर्वतारोहियों की मृत्यु से संबंधित है. नंदा देवी में हुई इस दुखद घटना के बाद जिला प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे थे. जिला प्रशासन ने इससे अपना पल्ला झाड़ते हुये पर्वतारोहियों को ही दोषी बता दिया था. महीना भर बीत जाने के बाद भी अब तक जांच जैसी कोई भी बात सामने नहीं आई है.
बहरहाल हम इस प्रेस विज्ञप्ति पर आते हैं. इस प्रेस विज्ञप्ति के शुरुआत में [28/06, 6:28 PM] joshi girja1: लिखा है. यह लिखा हुआ तब आता है जब कोई मैसेज वाट्सएप्प से कॉपी किया जाता है. इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है. यह वाट्सएप्प मैसेज सीधा पोस्ट में कॉपी-पेस्ट कर दिया गया है. फेसबुक पोस्ट यहाँ देखें :
क्या पिथौरागढ़ जिला प्रशासन इतना असंवेदनशील हो गया है कि आठ लोगों की मृत्यु संबंधी प्रेस विज्ञप्ति भी सम्मानपूर्वक पोस्ट न कर सके. यह प्रेस विज्ञप्ति जिला सूचना अधिकारी द्वारा जारी की गयी है इसलिये इसमें वर्तनी की अशुद्धियों पर भी ध्यान दिया जाना जरुरी है.
जब पिथौरागढ़ प्रशासन एक अन्तराष्ट्रीय मामले के प्रति इतना असंवेदनशील हो सकता है तो अपने जिले के लोगों के प्रति वह कितना संवेदनशील होगा यह सोचना मुश्किल नहीं है.
इतने गंभीर मामले में जब जिला प्रशासन ऐसी खानापूर्ति कर रहा है तब सोचिये अन्य मामलों को कैसे हवा में रफा-दफा करता होगा. पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के पास इतना समय भी नहीं है कि वह आठ लोगों की मृत्यु की सूचना सम्मानपूर्वक दे सके.
बीते 25 मई को नंदादेवी चोटी पर आठ पर्वतारोहियों के लापता होने की ख़बर आयी थी. इस पर्वतारोही दल का नेतृत्व विश्व विख्यात पर्वतारोही मार्टिन मोरान कर रहे थे. दल में मार्टिन के अतिरिक्त छः अन्य विदेशी और एक भारतीय शामिल थे. कई हफ़्तों पर पिथौरागढ़ प्रशासन पर पर्वतारोहियों को बचाने के लिये किये गए प्रयासों पर सवाल उठे थे. पिथौरागढ़ प्रशासन और इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) ने एक-दूसरे पर आरोप लगाये थे . इस पूरी घटना पर पढ़िए केशव भट्ट की रपट :
क्या पिथौरागढ़ प्रशासन की लापरवाही से गयी नंदा देवी में आठ पर्वतारोहियों की जान?
काफल ट्री डेस्क
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