विज्ञान, मेडिकल अध्ययन और फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दिया जाने वाला प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड इस वर्ष राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र मोहम्मद कैफ को दिया गया, कैफ अफजलगढ़ के रहने वाले हैं. हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में हुए एक समारोह में उन्हें आज इस पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. Mohd. Kaif conferred with the third ID Sharma Memorial Award
प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना को चिकित्सा के क्षेत्र के जाने-माने विद्वानों में शुमार किया जाता है. प्रो. सक्सेना ने 1962 से 2002 तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय को अपनी सेवाएँ दीं. इस दौरान उन्होंने मेडिकल के स्नातक और स्नातकोत्तर के असंख्य छात्र-छात्राओं को शिक्षित किया. अनेक छात्रों ने उनके मार्गदर्शन में चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित शोध भी किये. बनारस हिन्दू विश्विद्यालय में फिजियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे प्रो. सक्सेना के शोधपत्र नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे. उन्हें भारतीय साइंस कांग्रेस का सदस्य चुना गया और वर्ष 1971-72 में वे प्रतिष्ठित कॉमनवेल्थ मेडिकल फेलोशिप से सम्मानित हुए.
भारतीय शास्त्रीय संगीत, सिनेमा और साहित्य की बारीकियों पर गहरी पकड़ रखने वाले प्रो. सक्सेना का 2017 में देहावसान हुआ.
उनकी स्मृति में वर्ष-2017 से प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड स्थापित किया गया. यह पुरस्कार राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में अध्ययनरत सभी वर्षों के छात्र-छात्राओं में फिजियोलॉजी में सर्वाधिक अंक पाने वाले को दिए जाने का निर्णय लिया गया.
प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना
इस वर्ष का अवार्ड पाने वाले मोहम्मद कैफ का ताल्लुक अफजलगढ़ के एक मुस्लिम परिवार से है. उनके पिता जुल्काफिकार अली फर्नीचर के व्यापारी हैं. जबकि माता फहमीदा गृहिणी हैं. स्कूली दिनों से ही बेहतरीन अकादमिक रिकार्ड रखने वाले कैफ अपने माता-पिता को दोनों को ही अपनी प्रेरणा मानते हैं. 27 अक्टूबर 2000 को जन्मे कैफ परफेक्शन हासिल करने को अपनी चालक शक्ति मानते हैं.
मोहम्मद कैफ को काफल ट्री की ओर से बधाई और ढेरों शुभकामनाएं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…