Featured

जलकर ख़ाक हुई नैनीताल की एक और हेरिटेज बिल्डिंग मोहन पार्क

कल रात नैनीताल की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक – मोहन पार्क – आग में जल कर तहस नहस हो गया. Mohan Park Nainital Gutted

इस ऐतिहासिक इमारत में 99 वर्षीय सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर दलीप सिंह मजीठिया अपनी 98 वर्षीया पत्नी जोन और नर्स के साथ रहते थे.

दलीप सिंह मजीठिया देश से नेपाल जाने वाली पहली पाइलट उड़ा कर ले गए थे जिसके लिए उन्हें अनेक बार सम्मानित किया जा चुका है. नगर की तमाम गतिविधियों में इस आयु में भी व्यस्त रहने वाले इस दंपत्ति को नैनीताल की सेलेब्रिटीज में गिना जाता रहा है.Mohan Park Nainital Gutted

बताया जाता है कि मजीठिया परिवार की नर्स ने सबसे पहले आग को देखा. इसके उपरांत फायर ब्रिगेड बुलाई गयी जिसकी मदद से वृद्ध दंपत्ति को नजदीक स्थित शेरवानी हिलटॉप होटल में सुरक्षित पहुंचाया गया. ताजा समाचारों के अनुसार दोनों आज सुबह ओने परिजनों के पास रुद्रपुर रवाना हो गए हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड के पास बिल्डिंग के आकार के लिहाज से बहुत कम पानी था. एक टैंकर से ऐसी आग को जल्दी नहीं बुझाया जा सकता था. ऐसे में एक और होटल आरिफ कैसल से पानी की व्यवस्था हुई.

यहाँ एक बात बताया जाना आवश्यक लगता है. नैनीताल में अंग्रेजों के समय से ही ऐसी आपातकालीन परिस्थितियों से निबटने के लिए अनेक जगह हाईड्रेन्ट लगाए गए हैं. इस इमारत के नजदीक वाला हाईड्रेन्ट कल रात सूखा पड़ा था. उसमें पानी की सप्लाई होती तो आग बुझाने का काम आसान हो सकता था. प्रशासन द्वारा एक-एक कर ऐसे तमाम हाईड्रेन्ट बंद किये जा रहे हैं. Mohan Park Nainital Gutted

माना जा रहा है कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी.

इस भयानक अग्निकांड ने नैनीताल की एक और ऐतिहासिक इमारत को बरबाद कर दिया है. देखिये ताजा तस्वीरें.

(सभी फोटो: नैनीताल से सर्वप्रिय कंसल)

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

यह भी पढ़ें: पहाड़ के जंगलों से आग के निशान नहीं मिटा सकेगी बारिश

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच

मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…

2 weeks ago

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 weeks ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 weeks ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 weeks ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

3 weeks ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

3 weeks ago