हम जैसा अपने मन में सोचते हैं, भरोसा करते हैं, वैसा ही हमारे जीवन में घटित हो जाता है. यह कोई जादू नहीं, बल्कि इस सृष्टि का विज्ञान है. इसीलिए अगर कोई व्यक्ति रोज सुबह खुद से, जीवन को हर नजरिए से आनंद से भरा हुआ बनाने वाली बातें बोलता है, उन्हें पूरे बोध और भरोसे के साथ दोहराता है, तो वे धीरे-धीरे उसके जीवन की वास्तविकता, उसके जीवन की हकीकत बन जाती हैं. (mind fit 28 column)
यह खयाल रखना है कि हमें इन बातों को रोज सुबह पूरे भरोसे के साथ और विजुलाइज करते हुए यानी जो हम कह रहे हैं, उसे आंखें बंद करके देखते हुए कहना है. जब हम पूरे मन से सोचते हुए कोई बात कहते हैं, तो शरीर के भीतर, मन के भीतर और अपने आसपास उन बातों की ऊर्जा पैदा करते हैं, वाइब्रेशंस पैदा करते हैं. इस बात का खयाल रखना है कि हम अपने लिए जैसा चाहते हैं, हमें वैसा होते हुए देखना भी है. जब कोई बात हमारे अवचेतन मन में घटित हो जाती है, तो वह जल्दी ही बाहरी यथार्थ का भी सच बन जाती है. आपको यह नहीं कहना कि मैं शक्तिशाली बनूंगा. आपको कहना है कि मैं शक्तिशाली हूं. आपको यह नहीं कहना कि आप एक पवित्र आत्मा बनेंगे.
आपको कहना है कि आप एक पवित्र आत्मा हैं. जो आप होना चाहते हैं, उसे लेकर यह मानकर चलें कि आप वैसे पहले ही हो चुके हैं. आप अगर यह मानकर चलेंगे कि आप स्वस्थ और निरोगी हैं, तो कभी आपको कोई शारीरिक तकलीफ नहीं होगी, कोई बीमारी न छू सकेगी. तो चलिए नए साल के लिए यह प्रतिज्ञा लें कि आप रोज सुबह खुद से जीवन बदलने वाली, जीवन को हर मायने में समृद्ध करने वाली ये 10 पॉजिटिव बातें कहेंगे. mind fit 28 column
आप अगर रोज इन्हें सिर्फ दोहराएंगे, तो भी आपको इनका लाभ मिलेगा. कोशिश यह करें कि सुबह कम से कम एक बार इन वाक्यों को दोहराने के बाद पूरे दिन में जब भी समय मिले, इन्हें फिर से दोहरा लें. रात को सोने से ठीक पहले भी इन एफरमेशंस को एक बार फिर से दोहराएं. सोने से पहले ऐसा करने से पूरी रात आपके अवचेतन मन में यही बातें रहेंगी. ऐसा करने से वे ज्यादा प्रभावी होकर और ज्यादा जल्दी आपको पॉजिटिव रिजल्ट देंगी. तो चलिए मेरे साथ इन 10 पॉजिटिव एफरमेशंस की जादुई यात्रा पर :
1. मैं एक पवित्र आत्मा हूं. मेरा जन्म परमात्मा से हुआ है और मैं सदैव परमात्मा के एक अंश के रूप में ही रहता हूं.
2. मेरा हर कार्य, हर सोच, हर विचार प्रेम, पवित्रता, सम्मान और जिम्मेदारी से भरा हुआ रहता है.
3. मैं सबको उसी रूप में स्वीकार करता हूं, वे जैसे हैं.
4. मेरे सारे रिश्ते बहुत ही प्यारे हैं. मैं पुत्र, मित्र, पति, भाई के रूप में अपने रिश्तों के दायित्वों का बहुत प्रेम से निर्वाह करते हुए उनका आनंद लेता हूं.
5. मेरे शरीर का हर अंग पूरी तरह स्वस्थ और निरोगी है.
6. मैं मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत शक्तिशाली हूं. मैं मुश्किल से मुश्किल स्थितियों का बिना घबराए बहुत ही धैर्य से सामना करता हूं.
7. मैं परमात्मा का फरिश्ता हूं. मैं पूरे दिन जितने भी लोगों से मिलता हूं, उन्हें मुझ से परमात्मा का ज्ञान, परमात्मा का प्रेम और परमात्मा की शक्ति मिलती है.
8. क्योंकि मैं परमात्मा की संतान हूं, मुझे किसी बात का कोई डर नहीं. मैं अपने सभी कार्य पूरी निडरता और तल्लीनता से करता हूं. mind fit 28 column
9. मैं पूरे दिन बेहद सचेत, सतर्क और जागरूक रहते हुए न अतीत को याद करता हूं और न भविष्य की यात्रा पर निकलता हूं, बल्कि मैं हर पल पूरे बोध से भरा हुआ वर्तमान क्षण में जीता हूं.
10. मैं अपने दिमाग में आने वाले विचारों को लेकर बेहद सतर्क बना रहता हूं. नकारात्मक विचार आने पर मैं उसकी ओर ध्यान नहीं देता, बल्कि हर स्थिति के उजले पहलू को देखते हुए पूरे दिन सकारात्मक बातें ही सोचता हूं. mind fit 28 column
-सुंदर चंद ठाकुर
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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