ओशो को मैं स्कूल के दिनों से ही पढ़ने लगा था. कॉलेज तक आते-आते में उनके अकाट्य तर्कों का मुरीद बन चुका था. मैं उनकी जाने कितनी किताबें पढ़ गया. उनकी बातों में एक सम्मोहन था. उन्होंने भारत के मध्यवर्ग को झकझोरकर जगाने का काम किया. उन्होंने भारतीय मानस को कई तरह की वर्जनाओं से मुक्त करने का काम भी किया.
(Mind Fit 25 Column)
यहां मैं उनके ज्ञान को उन्हीं के 20 शक्तिशाली सूत्र वाक्यों के जरिए आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा हूं. इन वाक्यों में छिपे ज्ञान को जो समझ पाया, जिसने उसे जीवन में अपनाया, उसका रूपांतरण होना तय है :
1. जिसके पास जितना कम ज्ञान होगा, वह अपने ज्ञान के प्रति उतना ही हठी होगा.
2. जीवन को हर संभावित तरीके से महसूस करो– अच्छा-बुरा, मीठा-कड़वा, अंधेरा-रोशनीभरा. जीवन के हर द्वैतभाव को अनुभव करो. अनुभव से घबराओ मत, क्योंकि तुम जितना अनुभवी बनोगे, उतना ही परिपक्व होते जाओगे.
3. प्रेम में दूसरा व्यक्ति ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, वासना में तुम महत्वपूर्ण होते हो.
4. सत्य बाहर स्थित कोई चीज नहीं कि जिसे खोजा जाना है. वह भीतर है, उसे अनुभव किया जाना है.
5. दोस्ती सबसे शुद्ध प्रेम है. वह प्रेम का सबसे उच्चतम स्वरूप है, जहां कोई मांग नहीं होती. कोई शर्त नहीं होती, सिर्फ देने का आनंद होता है.
6. इस संसार में हर व्यक्ति अपनी खास नियति लेकर आता है. उसे कुछ पूरा करना होता है, कोई संदेश देना होता है, कोई काम खत्म करना होता है. तुम यहां ऐसे ही दुर्घटनास्वरूप नहीं आ गए- तुम्हारे यहां होने का कोई अर्थ है. तुम्हारे यहां होने का एक उद्देश्य है. ब्रह्मांड तुम्हारे जरिए कुछ करना चाहता है.
7. अगर तुम एक फूल को प्यार करते हो, तो उसे तोड़ो मत. क्योंकि अगर तुम उसे तोड़ दोगे, तो वह मर जाएगा और वह नहीं रहेगा, जिसे तुम प्यार करते हो. इसीलिए अगर तुम फूल को प्यार करते हो, तो उसे खिला हुआ ही रहने दो. प्रेम किसी पर आधिपत्य नहीं है. प्रेम सराहना है.
8. इस दुनिया में सबसे ज्यादा डर इस बात से लगता है कि दूसरे तुम्हारे बारे में क्या सोचते हैं. जैसे ही तुम भीड़ से डरना बंद कर देते हो, तुम भेड़ नहीं रह जाते. एक शेर बन जाते हो. तुम्हारे हृदय में एक जोरदार दहाड़ पैदा होती है. मुक्ति की दहाड़.
9. जीवन अपने को नासमझी में दोहराता चला जाता है – जब तक कि तुम सचेत नहीं होते, जागरूक नहीं होते, वह एक पहिए कि तरह खुद को दोहराते रहता है.
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10. होओ, बनने की कोशिश मत करो. होने और बनने – इन दोनों शब्दों के बीच तुम्हारा पूरा जीवन समाया हुआ है. होना प्रबोधन है, जागरण है, बनना अज्ञानता है.
11. यथार्थवादी बनो, चमत्कार की योजना बनाओ.
12. दुनिया में लाखों लोग दुखी हैं, क्योंकि वे प्रेम पाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें प्रेम देना नहीं आता. और प्रेम एकालाप के रूप में नहीं हो सकता; वह दो लोगों के बीच संवाद है, एक लय से भरा हुआ संवाद.
13. कुछ बनने का विचार छोड़ दो, क्योंकि तुम पहले ही एक महान कृति हो. तुम इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकते. तुम्हें बस यही बात समझनी है, यही जानना और अनुभव करना है.
14. साहस अज्ञात के साथ एक प्रेम संबंध है.
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15. एक आरामपूर्ण और सुविधाजनक जीवन वास्तविक जीवन नहीं है- जितना ज्यादा आरामपूर्ण, उतना कम जीवंत. सबसे ज्यादा आरामपूर्ण जीवन कब्र में होता है.
16. अपने दिमाग से बाहर निकलो और अपने दिल में प्रवेश करो. सोचो कम, महसूस ज्यादा करो.
17. जैसे अंधेरा प्रकाश न होने से जन्म लेता है, वैसे ही अहंकार जागरुकता के अभाव में जीवित रहता है.
18. प्रेम लक्ष्य है, जीवन एक यात्रा.
19. सवाल यह नहीं कि मृत्यु के बाद जीवन का अस्तित्व है या नहीं, सवाल यह है कि क्या तुम मृत्यु से पहले जीवित हो?
20. तुम्हें अगर किसी को नुकसान पहुंचाना हो, तभी ताकत की जरूरत है. वरना तो प्रेम पर्याप्त है, करुणा पर्याप्त है.
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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