हैडलाइन्स

लोहाघाट के विधायक ने की अफसरों की पिटाई

लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल एकबार फिर विवादों में घिर गये हैं. विधायक पूरन सिंह फर्त्याल पर आरोप है कि विधायक ने लोहाघाट पिथौरागढ के बीच भारतोली में एनएचआई खंड के एक अधिकारी और काम करा रही कंपनी के परियोजना प्रबंधक को थप्पड़ मारने का आरोप लगा है.  
(Lohaghat MLA Controvercy)

लोहाघाट पिथौरागढ़ के बीच भारतोली में शनिवार को मलबा आने से सड़क बंद है. मलबा आने से आये भूस्खलन के कारण भारतोली क्षेत्र के मकानों में दरार और खेतों को नुकसान पहुंचा. जानकारी मिलने के बाद रविवार की दोपहर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल और जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रकाश राय रविवार को दोपहर में हालात का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे.

जनप्रतिनिधियों को देखकर ग्रामीणों ने अपना दुःख जाहिर कर बताया कि भूस्खलन और सड़क बंद होने का कारण सड़क पर की गयी ब्लास्टिंग है. इसपर विधायक अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे. बताया जा रहा है कि विधायक एई विवेक सक्सेना और पीएम एके सिंह से बातचीत कर उन्हें बचाव के उपाय बता रहे थे तभी अधिकारियों द्वारा प्रतिवाद करने के कारण गर्मागर्मी का माहौल हो गया.
(Lohaghat MLA Controvercy)

सूत्रों के मुताबिक गर्मागर्मी के बीच अचानक विधायक ने दोनों अधिकारियों को थप्पड़ जड़ दिया. बाद में लोगों ने किसी तरह मामले को शांत कराया गया. मामले में एई विवेक सक्सेना के लहूलुहान होने की ख़बर आ रही है. एनएच के सहायक अभियंता ने उक्त घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी. जानकारी मिलने पर एसपी द्वारा सड़क खोल रहे अधिकारियों को सुरक्षा मुहय्या कराई गयी.
(Lohaghat MLA Controvercy)

काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

AddThis Website Tools
Kafal Tree

View Comments

  • यह विवाद निपटाने का सबसे घटिया तरीका है । इससे समस्या और उलझेगी ।

  • ये बहुत दुखद है . हाथ चलाने का अधिकार किसने दिया ? ये मोब लिंचिंग के लिए जनता को उकसाने जैसा हो सकता है . अभियंताओं के साथ ऐसा व्यवहार भला कैसे एक सभ्य समाज में सभ्य व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है ?? क्या न्यायालय के संज्ञान लेने की स्तिथि नहीं है ? यदि कोई कर्मचारी काम में लापरवाही करता है तो न्यायालय के रास्ते खुले हैं उस दण्डित करने के. इस लोकतंत्र में ,हम हर विधान सभा क्षेत्र में तालीबानी या नक्सली न्याय दंड व्यवस्था स्थापित हरगिज नहीं कर सकते . ये व्यवहार हमें उत्तराखंड में अच्छे चिकित्सकों और इंजीनियरों के नहीं टिकने का राज उद्घाटित करता है . मुझे नहीं लगता है कि पार्टी और मुख्य मंत्री महोदय दोनों को ये ढंग रास आया होगा . अब लीपा-पोती हो सकती है पर अच्छे डॉक्टरों , इंजीनीयरों और लेखकों के भरोसे को आप वापिस ला नहीं सकते . ऐसे ही दबंगई व्यवहार ने कई स्थानों में , पुलिस और अन्य अधिकारियों को भय में भीगी बिल्ली वाली मुद्रा में काम करने को विवश किया है जिससे निष्ठावान अधिकारी काम नहीं कर पा रहे है . उनकी परफॉरमेंस प्रभावित हो रही है .और जनता सफर कर रही है .. क्या ये उचित है ? क्या हम प्रतिनिधि होकर एक प्रेरक आचरण प्रस्तुत नहीं कर सकते ? आज़ादी के सत्तर साल गुजरने के बाद भी ?

  • बहुत अच्छा किया विधायक जी ने गावं कि जनता का साथ दे के ये होता है सच्चा सेवक अपनी इमेज कि परवाह न करते हुए भी सही किया

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

2 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

2 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

3 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

3 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

3 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

3 weeks ago