Featured

कोरोना संकट के बीच पिथौरागढ़ के दो गावों ने साबित किया सोरयाली सबसे ख़ास हैं

कल एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पिथौरागढ़ वाले खास हैं. इस आपदा की स्थिति में सब एक दूसरे का साथ दे रहे हैं. तो हाँ, सोरयाली इस बात में कुछ तो खास हैं. इस एक बात से एक बात और जोड़ दूं, वो यह कि यहां के गांव वाले और भी ज्यादा खास हैं. Lockdown Stories

मैं, ऐसा क्यों बता रहा हूं? तो हुआ यह कि दो दिन पहले हमें पता चला कि पिथौरागढ़ शहर से लगे भौडी गांव में कुछ परिवारों की स्थिति ठीक नहीं है और उन लोगों को तुरंत सहायता की जरुरत है. लोगों की स्थिति सुनिश्चित हो इस बात को लेकर कुछ वक्त लगा. इस दौरान हमारे स्टॉक से अधिकांश भोजन शहर से लगे स्थानों मे बँट गया. इस कारण इन परिवारों हेतु उचित मात्रा में भोजन के स्टॉक में कमी आ गयी.

हम कुछ और प्रबंध कर पाते ठीक इसी समय झोलखेत स्थित चंद जी के परिवार से संपर्क हुआ और अगले ही पल उनके एक आव्हान पर पूरे गांव ने आकर सहयोग किया. इसके बाद टीम हरेला ने दोनों गांव को जोड़ते हुये पूरी एहतियात से भोज्य पदार्थों को सेनीटाइज़ कर भौडी गाँव स्थित पीड़ित परिवारों तक पहुंचा दिया. साथ ही साथ टीम ने करोना संक्रमण को लेकर दोनों गांव के लोगों को जागरुक भी किया. Lockdown Stories

झोलखेत के लोग और चन्द जी का परिवार

लॉक डाउन के चलते आप सभी घरों में कैद हैं. इस दौरान मैं और मेरी टीम के कुछ लोग फील्ड में हैं. आपदा की इस स्थिति में लोग कैसे एक दूसरे की मदद कर रहे हैं? कैसे इस लॉक-डाउन ने लोगों की जिंदगी बदल कर रख दी है? इससे जुड़े सीधे अनुभव आप लोगों के साथ समय-समय पर साझा करता रहूंगा. आप लोगों में से जो कोई भी अपने घरों में ही रहते हुए सहायता करना चाहते हैं कृपया दिये गए नंबरों पर संपर्क करें :

मनु : 9897470369 , प्रशांत : 9457579238

टीम हरेला / सिटी पिथौरागढ़

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago