दुनिया में सबसे पहले धान खेती किसने की इस सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं. इतिहास, विज्ञान, लोकमान्यताओं का ढेर है जो बताता है कि दुनिया में सबसे पहले किसने धान की खेती की. विज्ञान के पास अपनी एक धारणा है, इतिहास के पास अपने तथ्य हैं और दुनिया भर में धान की पहली को खेती लेकर अपने-अपने विश्वास और मत हैं.
(Kumauni Folk Stories Rice Cultivation)
हमारे कुमाऊं की लोककथाओं में कहते हैं कि दुनिया में सबसे पहले चावल की खेती चूहे और चुहिया ने की. यही कारण है कि आज भी पहाड़ में धान के खत्तों में चूहे द्वारा बच्चे देने को शुभ माना जाता है. इससे जुड़ी लोककथा के अनुसार-
दुनिया में सबसे पहले धान की खेती चूहे और चुहिया ने की. सात समुद्र पार करके चूहा और चुहिया अपनी चोंच में भरकर धान के बीज लाये थे. दोनों ने अपने दांतों से एक लकड़ी को कुतरकर नुकीला बनाया और फिर उससे धरती को जोता. चूहे ने धरती जोती और चुहिया ने पीछे-पीछे से धान के बीज डाले.
(Kumauni Folk Stories Rice Cultivation)
धान के पौंधे उगने के लिये दोनों ने करीब छः महीने का लम्बा इंतजार किया. फसल तैयार होकर खड़ी हो गयी पर शुभ मुहूर्त के दिन चुहिया का प्रसव हो गया. प्रसव के दौरान चूहा और चुहिया खेत की निगरानी न कर सके. कहीं से एक बैल आया और उसने धान का पूरा खेत साफ़ कर दिया. वहीं खेत में लेट गया
चूहे को फुर्सत हुई तो वह धान के खेतों की ओर लौटा देखा तो धान का नाम नहीं. खेतों के बीचों-बीच बैल लम-लेट पड़ा है. माजरा समझ आने पर चूहे को बड़ा गुस्सा आया और उसने बैल को शाप दे दिया कि तू जीवन भर खेत जोतने की यातनायें सहेगा. तभी से बैल आज तक खेत जोतने का शाप भोग रहा है.
कहते हैं कि इस घटना के बाद से चूहे और चुहिया का मेहनत करने से विश्वास ही उठा गया और उचक कर दोनों चोरी करके खाने लगे. न्याय के तराजू के चलते आज भी धान के खेत में चूहे के द्वारा बच्चे दने को बुरा नहीं माना जाता.
(Kumauni Folk Stories Rice Cultivation)
चूहे की बेटी के विवाह और चन्द्रमा, सूरज, पेड़, धरती की लोककथा
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