“रन बनाना? वो क्या होता है! मेरा क्रिंज रील देखो और गाना सुनो.” ये शब्द एक जमाने में उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर हथियार की तरह इस्तेमाल होते थे. लेकिन आज, DY पाटिल स्टेडियम में लिखे गए इतिहास के बाद, यही शब्द उनकी सबसे बड़ी ताकत बन गए हैं. जेमिमाह रॉड्रिग्स ने साबित कर दिया कि आप मैदान पर आग उगल सकते हैं और उसके बाहर गिटार भी बजा सकते हैं. ये कोई विरोधाभास नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है.
(Jemimah Rodrigues Hindi)
2017 का साल याद कीजिए. तब की भारत की महिला क्रिकेट टीम लॉर्ड्स के फाइनल में हार का गम समेटे मुंबई एयरपोर्ट पर उतरी थी. उस भीड़ में एक 16 साल की नन्ही, मगर आँखों में सपने लिए लड़की मौजूद थी, जो टीम का स्वागत कर रही थी. वह लड़की थी जेमिमाह रॉड्रिग्स. किसने सोचा था कि जो लड़की स्वागत के फूल दे रही है, वो एक दिन उस टीमकी सबसे बड़ी ताकत बनकर दुनिया की सबसे मजबूत टीम को धूल चटा देगी?
इस जीत का सफर कोई आसान नहीं था. इस विश्व कप में जेमिमाह के लिए सब कुछ गड़बड़ चल रहा था. श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीरो पर आउट होना. टीम की जरूरत के चलते मैच से बाहर बैठना… ये वो पल थे जो किसी भी खिलाड़ी का हौसला तोड़ सकते थे. लेकिन जेमिमाह टूटने वालों में से नहीं थीं.
उन्होंने बाद में खुलासा किया, “इस टूर्नामेंट में मैं लगभग रोज रोई हूँ. मेंटली मैं बहुत संघर्ष कर रही थी, एंग्जाइटी से जूझ रही थी. लेकिन मैं जानती थी कि मैदान पर दिखना जरूरी है.”
(Jemimah Rodrigues Hindi)
ये सिर्फ एक क्रिकेट मैच की कहानी नहीं है. ये उस लड़की की कहानी है जो अंदर से तो टूट रही थी, मगर बाहर से पूरी दुनिया का सामना करने को तैयार थी. ये उसकी हर मुस्कान के पीछे छुपे आँसूओं की कहानी है.
और फिर वह ऐतिहासिक रात आई. सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 339 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य. पूरा स्टेडियम भारत के लिए एक ही नाम का मंत्र जप रहा था – जेमिमाह. और उन्होंने ऐसी पारी खेली जिसने इतिहास के पन्नों को हमेशा के लिए बदल दिया. नाबाद 127 रन! महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा सफल चेज! उनके बल्ले से निकला हर चौंका और छक्का, सिर्फ रन नहीं, बल्कि उन सभी ट्रोल्स और आलोचकों को एक सबक था.
सबसे खास बात? जब जीत का आखिरी रन बना, तो जेमिमाह ने कोई शानदार सेलिब्रेशन नहीं किया. बस एक शांत, दृढ़ मुस्कान. उनके लिए ये पारी सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी टीम के लिए थी.
(Jemimah Rodrigues Hindi)
मैच के बाद जेमिमाह का भावनात्मक होना स्वाभाविक था. वह सीधे अपने माता-पिता की बाहों में भाग गईं. ये वही सुरक्षित ठिकाना था जहाँ वह सब कुछ भूल सकती थीं.
उन्होंने कहा, “आखिरी ओवरों में मैं बस बाइबल की एक आयत दोहरा रही थी – ‘शांत खड़े रहो, और परमेश्वर तुम्हारे लिए लड़ेगा.’ और मैंने बस वही किया. मैं शांत खड़ी रही, और उसने मेरे लिए लड़ाई लड़ी.”
आज जेमिमाह रॉड्रिग्स सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं. वह हर उस युवा लड़की के लिए एक सबक हैं जिसे उसके सपनों और जुनून के बीच चुनाव करने के लिए कहा जाता है. वह साबित करती हैं कि आप रन बना सकते हैं और रील्स भी, आप मैदान पर दबाव झेल सकते हैं और स्टेज पर गाना गा सकते हैं.
(Jemimah Rodrigues Hindi)
जेमिमाह का सफर हमें सिखाता है कि असली ताकत दूसरों की बातों में अपनी पहचान खोजने में नहीं, बल्कि अपने अंदर के विश्वास को कभी न डगमगाने देने में है. और जब आप ऐसा करते हैं, तो न सिर्फ मैच, बल्कि दिलों की दुनिया भी जीत जाते हैं.
काफल ट्री डेस्क
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