राष्ट्रमंडल खेल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपना मैडल पक्का कर लिया है. राष्ट्रमंडल खेल में अब तक खेले गये सभी मैच में अविजित रही इंग्लैंड की टीम को सेमीफाइनल मुकाबले में हरा कर भारतीय महिला टीम ने फाइनल में अपना स्थान पक्का किया.
(Indian Cricket Team Commonwealth Games 2022)
सेमीफाइनल में भारतीय महिला टीम ने पहले खेलते हुये इंग्लैंड की टीम के सामने 164 रनों का लक्ष्य रखा. भारतीय खिलाड़ी स्मृति मंधाना ने 32 गेंदों में 61 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. इंग्लैंड की पारी के दौरान एक समय लग रहा था की इंग्लैंड आसानी से इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी.
भारतीय कप्तान ने 18वां ओवर ऑलराउंडर खिलाड़ी स्नेह राणा को दिया. स्नेह राणा ने टाइड गेंदबाजी करते हुये मात्र 3 रन दिये. स्नेह राणा के इस ओवर के बाद मैच में भारत के लिये उम्मीद जगी. जब आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जितने के लिये 14 रनों की जरुरत थी तब गेंद एक बार फिर स्नेह राणा के हाथों में थी. स्नेह राणा ने सटीक ओवर डालकर भारत को विजयी बनाया. मैच में स्नेह राणा ने 2 महत्वपूर्ण विकेट लिये और सबसे महत्वपूर्ण ओवर भी किये.
(Indian Cricket Team Commonwealth Games 2022)
राइट आर्म ऑफ ब्रेक बॉलर और दाएं हाथ की बल्लेबाज देहरादून की रहने वाली स्नेह राणा ने 2014 में वन डे और टी-20 करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ की. 2016 तक स्नेह राणा ने भारत की तरफ से 7 वन डे और 5 टी-20 मैच खेले. इसके बाद तो स्नेह को अगले पांच साल तक टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. 2021 में स्नेह ने भारतीय टीम में अपनी दमदार वापसी की.
इसके बाद स्नेह राणा लगातार भारतीय टीम का हिस्सा रही और भारत के लिये कई महत्त्वपूर्ण परियां स्नेह राणा ने खेली. इंग्लैंड के खिलाफ़ स्नेह राणा की यह दूसरी यादगार पारी है इससे पहले स्नेह राणा तब पहली बार खबरों में आई थी जब अपने डेब्यू टेस्ट में आठवें नंबर पर बैटिंग करते हुये वह 80 रन बनाकर नाबाद लौटीं. राणा और तानिया भाटिया के बीच नौवें विकेट के लिए हुई 104 रन की पार्टनरशिप की थी. स्नेह राणा की 195 मिनट की इस पारी को महिला क्रिकेट की सबसे ख़ास पारियों में गिना जाता है.
(Indian Cricket Team Commonwealth Games 2022)
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…