Featured

पूर्व मुख्यमंत्री टॉर्च और मोमबत्ती की मदद से खोजने निकले ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण

उत्तराखंड से जुड़ी खबरें देखें

भले ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा सदस्य न हों लेकिन कल से गैरसैण में होने वाले मानसून सत्र के दौरान वह गैरसैण में मौजूद रहेंगे. जहां विधानसभा में अन्य सदस्य क़ागज और पेन के साथ शिरकत करेंगे वहीं हरीश रावत मोमबत्ती और टॉर्च के साथ गैरसैण में मौजूद रहेंगे.
(Harish Rawat in Gairsain)

हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से एक वीडियो जारी कर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल किया है कि कां छः हो माननीय मुख्यमंत्री ज्यूं ग्रीष्मकालीन राजधानी? कां छ: जरा हमकूं लै बताओ… को गौं, को तोक व को गौं जमीन में ग्रीष्मकालीन छ:?

हरीश रावत कल गैरसैण में मौजूद रहेंगे और अपना लोकप्रिय मौन उपवास रखेंगे. इस बार उपवास की अवधि पूरे डेढ़ घंटे है. गैरसैण में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति के पास 11:30 से 01:00 बजे से हरीश रावत टॉर्च और मोमबत्ती की मदद से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण की ख़ोज करेंगे.
(Harish Rawat in Gairsain)

हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा भाजपा का दावा है कि उन्होंने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी स्वीकृत की है और बना दी है. इसीलिये जगह-जगह ग्रीष्मकालीन राजधानी के बोर्ड लगे हैं. मैं वहां धात लगाकर मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कहां पर है? किस गांव में है? किस स्थान और तोक में है और प्रतीकात्मक रूप से टॉर्च व मोमबत्ती जलाकर हम उस स्थान को खोजेंगे.   

कल से तीन दिन तक उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैण में हो रहा है. 21 अगस्त से 23 अगस्त तक इस वर्ष कर मानसून सत्र चलेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत अन्य विधानसभा सदस्य और कैबिनेट मंत्री भी गैरसैण पहुंच गये हैं.
(Harish Rawat in Gairsain)

-काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

3 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

3 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

4 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

4 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

4 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

4 weeks ago