केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से इन्कार कर दिया है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदूषण की समस्या से निपटने और दीवाली के दौरान प्रदूषण का मुकाबला करने के लिये अल्पकालिक उपायों को तैयार करने के तरीकों का सुझाव देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पाँच पृष्ठ का एक शपथ-पत्र प्रस्तुत किया.
दीवाली के दौरान प्रदूषण रोकने के उपाय हेतु सरकार ने ‘ग्रीन’ पटाखों के उत्पादन, सामुहिक रूप से पटाखे फोड़ने और लड़ियों के उत्पादन में नियंत्रण जैसे सुझाव सरकार द्वारा दिए गये हैं. केंद्र सरकार ने कम उत्सर्जन वाले पटाखों का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है. यह पटाखे 30-35% तक PM कमी के साथ निम्न ध्वनि व निम्न प्रकाश उत्सर्जक हैं. निम्न प्रदूषणकारी के रूप में इन-सीटू जल उत्पादन के दौरान नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं सल्फर डाइऑक्साइड में महत्त्वपूर्ण कमी करते हैं. निम्न लागत वाले ऑक्सीडेंट्स के कारण यह पटाखे कम लागत के भी हैं.
सरकार ने कच्चे माल की निरूपण सुविधाओं की स्थापना का सुझाव भी दिया है ताकि खराब गुणवत्ता की कच्ची सामाग्री की जांच हो सके. पटाखा निर्माताओं ने इस साल दीवाली का मौसम शुरू होने से पूर्व केंद्र द्वारा दिए सुझावों को शीघ्र गति देने का आग्रह किया है.
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