अशोक पाण्डे

लोमड़ और तीतर की पक्की दोस्ती की कथा

एक लोमड़ की एक तीतर से दोस्ती हुई. एक बार लोमड़ ने कहा कि उसे भूख लगी है और उसे खाना चाहिए. तीतर एक घराट (पनचक्की) के दरवाजे पर गया और वहां जाकर उसने अपने पंख फड़फड़ाए. घराट का मालिक चक्की पीस रहा था. उसने तीतर को देखा तो वह उसे देखने बाहर आया. अपने पंख फड़फड़ाता हुआ तीतर उसे अपना पीछा करवाते हुए दूर तक ले आया. लोमड़ ने पनचक्की का सारा आटा खा लिया. Fox and Partridge Folk Tale from Kumaon

जंगल में फिर से दोनों की मुलाक़ात हुई. लोमड़ी बोला, “तीतर मेरे दोस्त, मुझे दही खाने की ऐसी इच्छा हो रही है कि कुछ न पूछो.”

सो वे एक चरवाहे के पास पहुंचे जो दही बेचने का काम करता था. तीतर ने चरवाहे के सामने अपने पंख फड़फड़ाए. चरवाहे ने दही की ठेकी जमीन पर रखी और तीतर को पकड़ने भागा. इस बीच में लोमड़ सारा दही चट कर गया. Fox and Partridge Folk Tale from Kumaon

फिर लोमड़ ने तीतर से कहा, “यार तीतर मेरे भाई, मुझे खूब सारा हँसा दे तो ज़रा.”

एक दिन बहुत सारे लोग कहीं जा रहे थे. तीतर पहले एक सेकेण्ड के लिए उनमें से एक के सिर पर बैठाऔर फिर दूसरे के. फिर तीसरे और फिर चौथे के. इस तरह वह उड़ता-फड़फड़ाता रहा. जिसके सर पर तीतर बैठता, सारे आदमियों ने उस आदमी के सिर पर लाठियों से मारना चालू कर दिया.

यह देख कर लोमड़ खूब हँसा.

[यह कथा ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से ली गयी है. मूल अंग्रेजी से इसका अनुवाद अशोक पाण्डे ने किया है. इस पुस्तक में इन लोक कथाओं को अलग अलग खण्डों में बांटा गया है. प्रारम्भिक खंड में ऐतिहासिक नायकों की कथाएँ हैं जबकि दूसरा खंड उपदेश-कथाओं का है. तीसरे और चौथे खण्डों में क्रमशः पशुओं व पक्षियों की कहानियां हैं जबकि अंतिम खण्डों में भूत-प्रेत कथाएँ हैं. Fox and Partridge Folk Tale from Kumaon]

‘हिमालयन फोकलोर’ से अन्य कहानियां पढ़ें – 
बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा
एक तीतर को लेकर हुए घमासान में एक परिवार के उजड़ने की लोककथा

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

इसे भी पढ़ें: हिट तुमड़ि बाटे-बाट, मैं कि जानूं बुढ़िया काथ : कुमाऊं की एक लोकप्रिय लोककथा

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

5 hours ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

4 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

4 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

4 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

4 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

4 days ago