राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर हल्द्वानी में निर्माणाधीन कोविड अस्पताल पहली शहर में हुई पहली बारिश में ही पानी से भर गया. पूरे परिसर में भरे पानी की निकासी का कोई साधन न होने के कारण काम में लगे कर्मचारियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
(DRDO to build Hospital in Haldwani)
DRDO द्वारा बनाये जा रहे इस अस्प्ताल के विषय में दावा किया जा रहा था कि अगले छः माह तक यह पूरे कुमाऊं में स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ साबित होगा पर एक ही बारिश ने इस सब दावों की पोल खोल दी.
आज शाम हुई एक घंटे की बारिश के बाद मेडिकल कालेज परिसर में बन रहा यह अस्पताल पानी में डूबा नज़र आया. घंटों की मशक्कत के बावजूद वहां मौजूद कर्मचारी अचानक आई इस समस्या के सामने सिर पीटते नजर आये.
परिसर में करीब डेढ़ से दो फीट तक का पानी भर आया. मौजूद अधिकारियों के पास अगले कई घंटों तक इस समस्या का न कोई समाधान था न उनके द्वारा ऐसी कोई तैयारी ही नजर आई.
(DRDO to build Hospital in Haldwani)
DRDO के अधिकारियों द्वारा 18 मई तक अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा किये जाने का दावा किया जा रहा है पर असल सवाल यह है कि जब बिना बरसात के मौसम में हुई इस बारिश में अस्पताल का यह हाल है तो बरसात के मौसम में कैसी स्थिति होगी.
सोशियल मीडिया में अस्पताल की जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं उसमें लोग अलग-अलग तरह के प्रश्न उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि परिसर के चयन के समय से ही इस प्रकार की चुनौती के लिये तैयार रहना चाहिये था. कुछ यूजर का कहना है कि इस योजना में स्थानीय लोगों को शामिल कर सुझाव लिये जाने चाहिये थे. तराई भाबर के क्षेत्रों में पानी भरने की समस्या आये दिन सामने आती है इसलिए इस समस्या को योजना बनाते समय से ही ध्यान में रखा जाना चाहिये था.
(DRDO to build Hospital in Haldwani)
तस्वीरों में देखिये आज शाम निर्माणाधीन अस्पताल की तस्वीरें :
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…
अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…
हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…
आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…
बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…
आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…
View Comments
मोदी जी स्टाइल में काम करने से ( जिसमें प्रभावित या लाभान्वित वर्ग को पूछा ही नहीं जाता ) ऐसी समस्याओं को आना ही था ।