हाल ही में गाँव सूर्याजाला, नैनीताल में 16वीं नेशनल माउंटेन बाइक चैम्पियनशिप सम्पन्न हुई. चैम्पियनशिप में उत्तराखण्ड की साइकिलिस्ट पूनम राना खोलिया ने 2स्वर्ण पदक हासिल किये. प्रस्तुत है अंतर्राष्ट्रीय माउन्टेन बाइकर पूनम राना से ‘काफल ट्री’ के लिए सुधीर कुमार की बातचीत के हिस्से (Cyclist Poonam Rana Kholia)
माउन्टेन बाइकिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बनाने वाली पूनम राना खोलिया शीतला, सतखोल, मुक्तेश्वर की रहने वाली हैं. पिता ध्यान सिंह राना सेना में रह चुके हैं, मां कुंती देवी गृहणी हैं.
पूनम की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा मुक्तेश्वर में ही हुई. बारहवीं तक की पढ़ाई जीआईसी प्यूड़ा से की. बचपन से ही उनका रुझान खेलों की तरफ रहा. लेकिन खेलों को गंभीरता से लेना उन्होंने काफी बाद में ही शुरू किया.
अपने भाई कमलेश राना से प्रेरित होकर उन्होंने माउन्टेन बाइकिंग के क्षेत्र को चुना. कमलेश भी माउन्टेन बाइकिंग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं.
अक्टूबर 2016 में पूनम राना खोलिया ने एसएसबी की टीम के साथ नाभीढांग से दिल्ली तक, 1006 किलोमीटर के, साइकिल अभियान में हिस्सा लिया. इस बीहड़ अभियान के लिए माउंटेन बाइक्स कंधों पर लादकर ॐ पर्वत की तलहटी में नाभीढांग तक ले जायी गयीं. इस अभियान के जरिये बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत का सन्देश भी दिया गया.
इस अभियान के बाद पूनम ने माउन्टेन बाइकिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल कीं. साल 2017 में पूनम ने एमटीबी हिमालया इंटरनेशनल की इंडियन केटेगरी में वे पहले स्थान पर रहीं. इसी साल एमटीबी अरुणांचल इंटरनेशनल में ओवरआल पूनम तीसरे स्थान पर रहीं. 2017 में ही एमटीबी शिमला इंटरनेशनल में वे ओवरआल सेकेण्ड रहीं.
साल 2018 में पूनम राना ने एमटीबी नेशनल के एक्ससीओ और एक्ससीटी (xco & xct) केटेगरी का स्वर्ण हासिल किया. इसी साल एमटीबी अरुणांचल इंटरनेशनल में वे ओवरआल दूसरे स्थान पर रहीं.
अपनी कामयाबी को नए आयाम देते हुए पूनम ने एमटीबी केरल 2019 (यूसीआई) में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य हासिल किया. इसी साल एमटीबी उत्तराखण्ड इंटरनेशनल में पूनम ओवरआल छठे स्थान पर रहीं.
इसी कड़ी में एमटीबी नेशनल चैम्पियनशिप 2019-20 में पूनम ने एक्ससीटी और एक्ससीओ का स्वर्ण झटका.
डेढ़ साल पहले पूनम की शादी भूपाल सिंह खोलिया से हुई, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं. अपने परिजनों के बाद पति और ससुराल वालों से भी पूनम को प्रोत्साहन मिलता रहा है.
पूनम अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को निभाते हुए रोज 3-4 घंटे का कड़ा अभ्यास करती हैं. वे माउंटेन बाइकिंग स्पोर्ट्स में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए लगातार कोशिश कर रही हैं.
आज पूनम राना खोलिया माउंटेन बाइकिंग के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम हैं. उत्तराखण्ड के छोटे से पहाड़ी कस्बे से शुरू हुआ उनका सफर बहुत प्रेरणादायक है.
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