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नानकमत्ता का दीपावली मेला

नानकमत्ता जाना जाता है सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल गुरुद्वारे, बाउली साहिब, दूध का कुँआ और 24 घंटे चलने वाले…

6 years ago

आयरन वॉल ऑफ़ इंडिया : त्रिलोक सिंह बसेड़ा

1962 में एशियन गेम्स जकार्ता में आयोजित किये गये थे. कोच सैयद अब्दुल रहमान के नेतृत्व वाली भारतीय फुटबाल टीम…

6 years ago

अमीर अंकलों की खैरात से जब दिल्ली में मैंने मौज उड़ाई

पहाड़ और मेरा बचपन – 7 दिल्ली की डीटीसी बसों में मैंने एक समय के बाद टिकट लेना बंद ही…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 22

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

पीहू की कहानियाँ – 5

मैडम अभी सो रही हैं मैडम को पॉटी आ गई है मैडम सुसु करने गई है मैडम का अभी मूड…

6 years ago

चटोरे जवाईं की लोककथा

मुझे अक्सर अपने दादा, दादी, चाचियाँ, माँ बहुत याद आते हैं. आप कहेंगे इसमें नई बात क्या है. अपनी जिंदगी…

6 years ago

मुठ्ठी भर कंचे

तब गाँव क्या था, श्याम-श्वेत सिनेमा के दौर का सा गाँव लगता था. चौतरफा खेत-ही-खेत थे, गन्ने-सरसों की फसलों से…

6 years ago

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : दसवीं किस्त

हमारे ब्रह्माण्ड की पहली भारतीय कहानी ( एक विदेशी का लिखा हिन्दू लोक-मिथकों का इतिहास : 'क' ) सृष्टि के…

6 years ago

नैनीताल के तीन नौजवानों की फाकामस्त विश्वयात्रा – 11 (अंतिम क़िस्त)

रात में नींद अच्छी आयी. सुबह 7 बजे हमने अपना कंधार का टिकट लिया. बस बड़ी आरामदेह थी. छोटे-छोटे गांवों…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 21

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago