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आजादी के बाद पहाड़ों में खलनायक ही क्यों जन्म ले रहे हैं

हमारी धरती में नायकों की कभी कमी नहीं रही. चाहे जितने गिना लीजिए. आजादी से पहले भी, और बाद में…

4 years ago

देहरादून की पलटन बाज़ार का इतिहास

1803 ईसवी के अक्टूबर महिने में गोरखाओं ने देहरादून को अपने कब्जे में ले लिया था. राजा प्रद्युमन शाह ने…

4 years ago

सुहागिन : पहाड़ की अनेक गुमनाम महिलाओं का जीवन कहती शैलेश मटियानी की कहानी

सुवा रे, ओ सुवा !बनखंडी रे सुवा.हरियो तेरो गात,पिंडलो तेरो ठूनाबनखंडी रे, सुवा !(Suhagin Story Shailesh Matiyani) काँसे की थाली…

4 years ago

सलाम त्रेपनदा! हरदम दिलों में रहोगे जिंदा

21 सितंबर 2014 को रविवार का वो दिन मेरे सांथ ही नागरिक मंच के सांथियों के लिए काफी चहल-पहल भरा…

4 years ago

जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो मुहब्बत करने वाला जा रहा है : राहत इंदौरी साहब को श्रद्धांजलि

यह सुनकर एकबारगी यकीन नहीं हुआ कि मोहब्बत के शायर राहत इन्दौरी दुनिया से रुख़सत हो गये. तकरीबन आधी सदी…

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मुनस्यारी की ठंड में नए साल का स्वागत

आज हमें मुनस्यारी पहुंचना था. नाश्ता निपटाकर, दो दिनों का हिसाब-किताब कर धारचूला टीआरसी से हम निकल चले. कोहरे के…

4 years ago

कमाल के हैं अपने भिनज्यू

आम कुमाऊॅनी परिवारों में जीजा जी यानी भिनज्यू एक विशिष्ट छवि लिए रहते हैं. यहाँ फूफाजी भी उन्हीं का एक…

4 years ago

कालू चूड़ी वाला : हल्द्वानी और आस-पास के गाँवों की बेटी-ब्यारियों की चलती-फिरती ज्वैलरी शॉप

वह समय आज की तरह हवा में जहर घोल देने वाला नहीं था. तभी तो आज से चार-पांच दशक पहले…

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नरेंद्र सिंह नेगी के जबरा फैन बलबीर सिंह नेगी की कहानी

कर्म ही पूजा है, दीवारों की शोभा बढ़ाती ये सूक्ति कई जगह देखी पर जब ज़मीन पर देखी तो वो…

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अल्मोड़ा के एक गाँव से बालीवुड की बुलंदियां तय करने वाले निर्मल पांडे के पांच यादगार किरदार

अल्मोड़ा के छोटे से गांव में पान बड़ैती में निर्मल पांडे का जन्म हुआ था निर्मल पांडे का. निर्मल पांडे जिनको…

4 years ago