संस्कृति

नदी-पुत्र : पिथौरागढ़ की एक लोककथा

पीपल पलवृक्ष के नीचे ढोल रख धरमदास ने अंगौछे से पसीना पोछा और गोरी नदी की ओर मुँह कर एक…

2 years ago

कुमाऊं की सबसे लोकप्रिय ‘लोककथा’

बड़ी पुरानी बात है. एक गांव में एक बुड्ढा और बुढ़िया रहा करते थे. ज़िन्दगी के तीन-तिहाई साथ बिताने के…

2 years ago

लोक कथा :  कुएं की परियां

एक गांव में एक सुस्त और कामचोर आदमी रहता था. काम-धाम तो वह कोई करता न था, हां बातें बनाने…

2 years ago

उत्तराखण्ड में लोकविश्वास

"मामा आ गए-मामा आ गए," चहकती हुई शारदा माँ के पास आई. माँ बोली, "मैं ना कहती थी, कोई मेहमान…

2 years ago

नेगीदा की वसंत नायिका

काव्य कला का सौष्ठव उसके सब कुछ कह देने में नहीं, बल्कि, अनकहे अंश में है. जैसे अपने पति का…

2 years ago

चालक बनढ़ाडु की कहानी- कुमाऊनी लोककथा

एकबार एक चालाक बनढ़ाडु दूध के बर्तन में मुंडी डालकर दूध पी रहा था. अचानक घर के मालिक के आने…

2 years ago

एक डोटयाल के लड़के की कहानी- कुमाऊनी लोककथा

बहुत कम उम्र में ही एक डोटयाल का लड़का नेपाल से भागकर कुमाऊं के किसी गांव में आ बसा. गांव…

2 years ago

कुमाऊं की एक लोककथा- प्यार करने वाली लड़की

एक गांव में एक मां और बेटा रहते थे. मां बेचारी अपने लड़के की बेवकूफियों से बड़ी परेशान थी. एक…

2 years ago

जब गधे ने कुत्ते, बिल्ली और मुर्गे के साथ मिलकर संगीत साधा- लोककथा

कुमाऊं के नीचे इलाकों में एक किसान के घर में गधा रहता था. किसान गधे से खूब काम लिया करता…

2 years ago

घुघूती पक्षी की आवाज को लेकर कही जाने वाली लोककथा

घुघूती और पहाड़ का खूब घना संबंध है. पहाड़ के गीतों और कहानियों में घुघूती का जिक्र खूब मिलता है.…

2 years ago