कॉलम

अलविदा सुरेन्द्र पुंडीर भैजी

लिखा-पढ़ी से जुड़ा उत्तराखण्ड में कौन होगा जो इस शख़्स को नहीं जानता होगा. साहित्य-संस्कृति-पत्रकारिता का कोई भी आयोजन हो…

5 years ago

हमें कई चीजों से बेवजह नफरत सिखा दी जाती है

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – उनतीसवीं क़िस्तपिछली क़िस्त का लिंक: छोटी-छोटी चीजों के स्वाद से बना जीने का…

5 years ago

क्या उत्तराखण्ड के लोग गौणा ताल के शिलालेख को पढ़ने के लिए तैयार हैं?

उत्तराखंड में हिमालय और उसकी नदियों के तांडव का आकार प्रकार अब हर मौसम में धीरे–धीरे दिखने लगा है. लेकिन…

5 years ago

मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी गुलाम हैं

पहाड़ और मेरा जीवन – 52 ( Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही…

5 years ago

रात के अंधेरे में अपने ही राज्य के छात्रों को पीटती है उत्तराखंड की वीर पुलिस

पुलिसिया आदेश की ये कठोर आवाजें, युवा लड़के-लड़कियों के चीखने और सुबकने की आवाज़ें, अभिभावकों की गुस्से से भरी भावुक…

5 years ago

पहाड़ के बड़े पत्रकार सुरेन्द्र पुंडीर नहीं रहे

वरिष्ठ पत्रकार, कवि-साहित्यकार, सेवानिवृत शिक्षक व उत्तरांचल प्रेस क्लब के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे सुरेंद्र पुंडीर जी का आज…

5 years ago

हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं

पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई…

5 years ago

मासी जैसी छोटी सी पहाड़ी जगह में मैराथन – पहाड़ से एक और अलख

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक के तल्ला गेवाड़ में एक छोटी सी बसासत है मासी. रामगंगा नदी के पूर्वी किनारे…

5 years ago

गरमपानी की बाज़ार और उसका ब्रांडेड रायता

राई को लाल खुस्याणी, पहाड़ी हल्द-धनिये के बीजों  के साथ सिलबट्टे में खूब पीस लेते हैं. फिर कोर कर निचोड़ी…

5 years ago

एक ज़माने में तराई-भाबर का भी इकलौता बाजार था हल्द्वानी का मंगल पड़ाव

हल्द्वानी में पहले हल्दू के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे इसलिए उसे हल्द्वानी कहा जाने लगा. वर्तमान हल्द्वानी के…

5 years ago