कला साहित्य

कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

सबकुछ सायास है वैधानिक गल्प में. उसके इस तरह से होने पर बहस होनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर किसी घटना,…

5 years ago

सैंणी के दबाव में किशनी शहर में किरायेदार बन गया

किशनी बचपन से होशियार चालाक बच्चा था, गांव वाले बचु  पदान को कहते भगवान किसी को औलाद दे तो किशनी…

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बचपन में गौरेया हमारे जीवन में रची-बसी थी

देहरादून में घर के पीछे दीवार पर जो लकड़ी के घोसले मैंने टाँगे थे उनमें गौरेयों ने रहना स्वीकार कर…

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पहाड़ के स्कूलों में जाड़ों की छुट्टियां और बचपन

को ऑफिस से ज़रा जल्दी रुखसत होने की खुशी ज़रूर होती मगर बाहर कदम रखा तो देखा कि अच्छी खासी…

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पिथौरागढ़ में उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प और साहित्य का नया ठिकाना

उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प और साहित्य के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर पिथौरागढ़ से है. लंदन फोर्ट पिथौरागढ़ में भाव…

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रामस्वैंणी की तेरहवीं

चार प्रकार का सलाद, तीन प्रकार की चरचरी-बरबरी भुजी, पियर अरहर की दाल, खट्टे आम का अचार, घर्रा भंग्जीर और…

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प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया का कल 01 जनवरी 2020 को लम्बी बीमारी के बाद हल्द्वानी के मल्ली…

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बसंत के बाद वह बुरांस का फूल

बैसाख का आखरी हफ्ता मधुमास का लगभग पूरा अवसान और ग्रीष्म का शैशव काल में पदार्पण. नौकरी लगने के पूरे…

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ओ ना मासी धंग – गीता गैरोला की कहानी स्मिता कर्नाटक की आवाज में

हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो…

5 years ago

चेप हो जाने वाली शख्सियत से पीछा छुड़ाना मुमकिन नहीं

हमारा समाज कई तरह की विचित्रताओं से भरा पड़ा  है. देखकर बड़ा ताज्जुब होता है. कुछ लोग आमतौर पर बड़े…

5 years ago