कला साहित्य

हमारे टैम पर तो अणकस्सै होने वाला ठैरा ‘वैलेन्टाइन डे’

अरे! तुम तो एक हफ्ते में निबटा देने वाले ठैरे ‘वैलन्टाइन डे’ का जश्न,  हमारे टैम पर तो सालों भी…

5 years ago

बीबीसी की तिलिस्मी आवाज़ वाली रेडियो सेवा का अंत

जरा अतीत की बिसरी गलियों में जाइए और भारत का वह दौर याद करने की कोशिश कीजिए, जब घर-घर में…

5 years ago

हिट तुमड़ि बाटे-बाट, मैं कि जानूं बुढ़िया काथ : कुमाऊं की एक लोकप्रिय लोककथा

किसी गांव में एक बुढ़िया थी. बूढी और निर्बल बुढ़िया एक अकेले घर में रहती थी. एक साल जाड़ों के…

5 years ago

कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

सबकुछ सायास है वैधानिक गल्प में. उसके इस तरह से होने पर बहस होनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर किसी घटना,…

5 years ago

सैंणी के दबाव में किशनी शहर में किरायेदार बन गया

किशनी बचपन से होशियार चालाक बच्चा था, गांव वाले बचु  पदान को कहते भगवान किसी को औलाद दे तो किशनी…

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बचपन में गौरेया हमारे जीवन में रची-बसी थी

देहरादून में घर के पीछे दीवार पर जो लकड़ी के घोसले मैंने टाँगे थे उनमें गौरेयों ने रहना स्वीकार कर…

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पहाड़ के स्कूलों में जाड़ों की छुट्टियां और बचपन

को ऑफिस से ज़रा जल्दी रुखसत होने की खुशी ज़रूर होती मगर बाहर कदम रखा तो देखा कि अच्छी खासी…

5 years ago

पिथौरागढ़ में उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प और साहित्य का नया ठिकाना

उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प और साहित्य के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर पिथौरागढ़ से है. लंदन फोर्ट पिथौरागढ़ में भाव…

5 years ago

रामस्वैंणी की तेरहवीं

चार प्रकार का सलाद, तीन प्रकार की चरचरी-बरबरी भुजी, पियर अरहर की दाल, खट्टे आम का अचार, घर्रा भंग्जीर और…

5 years ago

प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया का कल 01 जनवरी 2020 को लम्बी बीमारी के बाद हल्द्वानी के मल्ली…

5 years ago