समाज

कुमाऊं के गोपीदास मास्साब का गायन सुनने के लिये आपको जर्मनी जाना पड़ेगा

कुमाऊँ की सीमान्त शौका सभ्यता से ताल्लुक रखने वाली अनिन्द्य रूपवती राजुला और उसके प्रेमी राजकुमार मालूशाही की प्रेमकथा हमारे…

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इगास: वंचितों को समर्पित लोकपर्व

जो छूट गए, जो पिछड़ गए हैं और जो अधिकारों से वंचित रह गए हैं, सरकारें उन्हें मुख्यधारा में लाने…

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हिमालय की लोकदेवी झालीमाली

उत्तराखंड में देवी भगवती के नौ रूपों यथा- शैलपुत्री, ब्रहृमचारिणी, चन्द्रघंटा, कुशमांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री के अतिरिक्त…

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40 साल से भगवान बद्रीनाथ की नौबत बजाने वाले प्रभु दास नहीं रहे

बीते चालीस सालों से भगवान बदरी विशाल के मंदिर में रोज सुबह और रात नौबत बजाने वाले प्रभु दास जी…

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एक तगड़े शर्मीले डोटियाल की कथा

नेपाल के डोटी गाँव से आया एक प्यारा-सा तगड़ा शरमीला किशोर ग्रामीण सोर घाटी में मजदूरी करता था. बोझा वह…

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बभूत मंतरना: जिसकी एक फूंक से छल-छिद्र छूमंतर हो जाता है

पहाड़ में छल-छिद्र, भूत-मसाण आये दिन लगे ही हुये. गाड़ गधेरे से चिपटने वाले छल-छिद्र तो घर के बुजुर्ग एक…

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केदारनाथ पुनर्निर्माण पर जमीनी रपट

16 नवम्बर 2020 को केदारनाथ धाम के कपाट यात्रियों के लिए बंद हो गए व केदार बाबा की डोली को…

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हुम्ला-जुम्ला के घोड़े: पहाड़ी व्यापारियों के सबसे पसंदीदा घोड़े

आज भी जौलजीबी मेले का नाम सुनते ही लोगों के ज़हन में काली पार, एक खुले मैदान में खड़े घोड़ों…

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यादों में हमेशा जिंदा रहेगा अमरिया

पड़ोस के गांव गंगनौला की चाची का परिवार टनकपुर के लिए पलायन कर गया तो उन्होंने अपनी दुधारू गाय सस्ते…

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प्रथम विश्वयुद्ध के अनुभवों पर उत्तराखण्ड के अज्ञात सैनिक का रचा लोकगीत

आज से 102 साल पहले, साल 1918 के 11वें महीने का 11वां दिन और समय सुबह के ठीक 11 बजे.…

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