समाज

वाराही देवी: आदि शक्ति स्वरूपिणी मां के धाम का इतिहास

कूर्मांचल में काली कुमाऊँ लोहाघाट से हल्द्वानी जाने वाले सड़क मार्ग पर पेंतालिस किलो मीटर की दूरी पर पौराणिक धार्मिक…

4 years ago

यूं ही पहाड़ी संक्रांतियों को इतना महत्त्व नहीं देते हैं

क्या आपने कभी सोचा कि क्यों महीनों की संख्या 12 और राशियां भी 12 ही हैं! और हम अक्सर जिन…

4 years ago

गुलाबी धूप में सना हुआ नींबू खाने का आनन्द एक पहाड़ी ही बता सकता है

सर्दियों में दुनिया भर में अलग अलग जगह के लोगों के अलग-अलग शगल हुये हैं. गुनगुनी धूप सेकना इनमें सबसे…

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कुटुर: परदेश रहने वाले बच्चों के लिये ईजा के प्यार की पोटली

बेटे के परदेश और बेटी के ससुराल जाने की पुरानी रवायत पहाड़ों में रही है. बेटों को बड़े शहर भेजना…

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बैरासकुण्ड: जहां रावण ने मुण्डों की आहूति देकर ब्रह्मा जी को रिझाया था

उत्तराखण्ड के जिस स्थान पर रावण ने मुण्डों की आहूति देकर पितामह ब्रह्मा को रिझाया था, उस स्थान का नाम…

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अद्भुत है उत्तराखंड में रामलीलाओं के मंचन की परम्परा

प्राचीनकाल से ही उत्तराराखण्ड का सम्बन्ध रामभक्ति परम्परा से रहा है. डॉ0 शिवप्रसाद नैथानी के कथनानुसार - श्रीराम कथा के…

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गढ़वाल में रामलीला के मंचन का इतिहास

रामलीला पर्वतीय प्रदेश उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों में आयोजित की जाती रही है, जिनमें सर्वप्रथम अल्मोड़ा कुमांउनी रामलीला की जन्मस्थली…

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शैलेश मटियानी की जन्मतिथि पर भावपूर्ण स्मरण

दुख ही जीवन की कथा रहीक्या कहूँ आज जो नहीं कही निराला जी की ये पंक्तियाँ जितनी हिंदी काव्य के…

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उत्तराखंड की वनराजी जनजाति पर जमीनी रपट

उत्तराखंड की पांच जनजातियों थारू, बोक्सा, भोटिया, जौनसारी और वनराजी में संभवतः सबसे पिछड़ी और कम जनसंख्या वाली जनजाति है…

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मासी: ऊंचे कैलास में खिलने वाला हिमालय के देवी-देवताओं का प्रिय फूल

मासी, रैमासी, जटामासी किसी भी नाम से पुकार लीजिये इसकी महक कम न होगी. पहाड़ के अनेक लोकगीतों में इसके…

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