संस्कृति

पिथौरागढ़ की सौर्याली और काली पार डोटी अंचल की साझी झलक है कबूतरी देवी के गीतों में

कबूतरी देवी का उत्तराखण्ड और हिमालयी इलाके के लोक संगीत में एक बहुत बड़ा नाम रहा है. मधुर और खनकती…

5 years ago

आज उत्तराखण्ड की लोकगायिका कबूतरी देवी की पुण्यतिथि है

कबूतरी देवी - (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के…

5 years ago

उत्तराखंड के वैवाहिक रीति-रिवाज में विशेष महत्व है समधी-समधिन का

कुमाऊं और गढ़वाल में बहुत सी ऐसी परम्परा और रीतियां हैं जो अब हमें केवल किताबों में देखने को मिलती…

5 years ago

रोपणी के खेत से जीतू को हर ले गयी आंछरियां

इन दिनों पहाड़ के गांवों के खेतों में रोपाई अर्थात रोपणी की जा रही है. अषाढ़ के महीने की छः…

5 years ago

शकुनि व फड़का नदी के संगम पर बना कपिलेश्वर महादेव मंदिर

दोपहर का समय होगा जब अचानक ही मेरा प्लान कपिलेश्वर महादेव के मंदिर जाने का बन गया और मैं निकल…

5 years ago

बैगा हुड़किया द्वारा कही गयी काला भंडारी की कहानी

पहाड़ की कहानियां जो पिछली सदी में बैगा हुड़किया ने सुनाई थी पादरी ई एस ओकले और तारा दत्त गैरोला…

5 years ago

माँ नंदा के भाई लाटू देवता के मंदिर में पुजारी आंखों में पट्टी बांधकर करता है पूजा

लाटू देवता को उत्तराखण्ड की अनन्य इष्ट देवी नंदा का धर्म भाई माना जाता है. इसलिए माँ नंदा को पूजे…

5 years ago

समृद्धि और सीमा के रक्षक देवता हरू-सैम के जन्म की कथा

औन हरू हरपट, जौन हरू खड़पट कुमाऊं में प्रचलित इस लोकोक्ति का अर्थ है हरू, आये हरियाली लाये, हरू जाये…

6 years ago

डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की जागर सुनिए

कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ों में प्रचलित जागर पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान करने की पुरानी परम्परा है. आम तौर…

6 years ago

मेरि ड्यूटि बौडरा, घर में छू मेरि ईजा भौतै बिमारा – उदित नारायण का गाया पहाड़ी गीत

पहाड़ और फ़ौज का सम्बन्ध बहुत पुराना और अन्तरंग रहा है. पहले विश्वयुद्ध के समय से ही कुमाऊँ-गढ़वाल के वीरों…

6 years ago