कॉलम

अंगरेजों ने अल्मोड़े का नक्शा औरै और किया

कुमाऊँ के आदिकवि माने जाने वाले लोकरत्न गुमानी से का जन्म 1790 ई. माना गया है. गुमानी के पूर्वज पिथौरागढ़…

5 years ago

पंचेश्वर बांध पर जौलजीबी से पंचेश्वर तक डूब क्षेत्र के गांव वासी क्या सोचते हैं

पंचेश्वर बांध प्रभावित क्षेत्र की परिस्थितियों को समझने के लिये हमने अक्टूबर 2018 में 13 से 19 के बीच क्षेत्र…

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बेदिनी बुग्याल: मखमली घास का हिमालयी मैदान

उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में है सबसे बड़ा बुग्याल. बुग्याल ट्री लाइन और साल में ज्यादातर समय…

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अल्मोड़ा के राम सिंह धौनी ने की थी ‘जयहिंद’ नारे की शुरुआत

'जय हिंद' का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस या किसी अन्य ने नहीं बल्कि अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के जैंती निवासी और…

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महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है लेह-लद्दाख

21वीं सदी में एक तरफ भारत जहां चांद और मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने की तैयारी कर रहा है…

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अल्मोड़ा में लंबी कविता और पूरन पोली की मौज

रात की पार्टी समाप्त होने के बाद अगले दिन मुहल्ले के हर कायाधारी के चेहरे पर अजीब सी खुशी के…

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हिमालय की सुन्दरतम चिड़ियों में एक है सेटर ट्रेगोपन : सुरेन्द्र पवार का फोटो निबंध

कुमाऊँ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों के आसपास के जंगलों में देर शाम और सुबह एक बच्चे के रोने की आवाज…

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कुमाऊँ में लकड़ी पर नक्काशी करने वाले आख़िरी उस्तादों में से एक धनीराम जी का इंटरव्यू

अठहत्तर साल के धनीराम जी कुमाऊँ की गौरवशाली काष्ठकला परंपरा के आखिरी उस्ताद ध्वजवाहक हैं. उन्होंने आज से साठ बरस…

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निमक का है हरामी यह खुदा भेजा क्यों हिन्दुस्तां

गढ़वाल शैली की चित्रकला के प्रवर्तक महान चित्रकार और कवि मौलाराम (1743-1833) की कला बहुत लम्बे समय तक जनता के…

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उस ज़माने के अफ़सर ऐसे हुआ करते थे : कुमाऊं कमिश्नर पर्सी विंडहैम का किस्सा

वर्ष 1913 एक दिन, करीब 8 बजे जब मैं किच्छा में एक स्कूल का निरीक्षण कर रहा था, एक अध्यापक…

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