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रामगढ़ में रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मोत्सव की धूम

शान्तिनिकेतन ट्रस्ट ऑफ हिमालया द्वारा रामगढ़ (नैनीताल) में गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर का पावन जन्मोत्सव आयोजन किया गया. गुरुदेव के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर गुरुदेव की प्रेरणा से आरंभ किये गये श्रीनिकेतन एग्लों वैदिक वर्ल्ड स्कूल का प्रथम वार्षिकोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया.

Birthday Celebration Rabindranath Tagore Ramgarh UttarakhandBirthday Celebration Rabindranath Tagore Ramgarh Uttarakhand

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रो. डी. के. नोडियाल, विशिष्ट अतिथि पूर्व विदेश सचिव श्री शशांक, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा प्रो. विभूति नारायण और महादेवी वर्मा सृजन पीठ के निदेशक, प्रो. डी. एस. पोखरिया द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित कर किया गया.

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रवीन्द्र जन्मोत्सव में विभिन्न विद्यालयों से आये विद्यार्थियों द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई.
श्री निकेतन एंग्लो वैदिक वर्ल्ड स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा कुमाऊंनी एवं बांग्ला संस्कृति की मनोरम झांकी प्रस्तुत की जिसे अतिथियों द्वारा बहुत सराहा गया.

इस अवसर पर शान्तिनिकेतन ट्रस्ट ऑफ हिमालया द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल और उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के सहयोग से “उत्तराखंड में पर्यटन के विविध आयाम : सम्भावनायें एवं चुनौती” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. तत्पश्चात आमंत्रित अतिथियों द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी की पत्रिका “रबीन्द्र सृजनिका” का भी विमोचन किया गया.

मुख्य अतिथि, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रो. डी. के. नोडियाल ने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा रामगढ़ में टैगोर की विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु शान्तिनिकेतन ट्रस्ट ऑफ हिमालया को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा.

कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व विदेश सचिव, भारत सरकार श्री शशांक ने कहा कि गुरुदेव टैगोर के अनुयायियों एवं शोध छात्रों को रामगढ़ आकर उनके साहित्य, विचार, दर्शन और कलाकृतियों पर शोध कर उसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए क्योंकि गुरुदेव के विचार और ग्राम्य विकास की परिकल्पना आज भी उतनी ही प्रासंगिक है.

विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा प्रो. विभूति नारायण ने कहा कि हम अपनी स्मृतियों से विस्मृत होते जा रहे हैं परन्तु इसको चुनौती के रूप में स्वीकार कर महापुरुषों की विरासत के संरक्षण हेतु प्रयास करने होंगे. इस हेतु सरकार को भी जनभावनाओं के अनुरूप सहयोग करना होगा.

कार्यक्रम के संयोजक एवं ट्रस्टी प्रो. अतुल जोशी ने शान्तिनिकेतन ट्रस्ट ऑफ हिमालया द्वारा विगत 4 वर्षों में किये गये कार्यों एवं आगामी लक्ष्यों के बारे में बताया. ट्रस्टी श्री देवेन्द्र ढेला द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया.

इस अवसर पर उप्सला विश्वविद्यालय, स्वीडन से प्रतिभाग करने आई डा. मारिया, मि. गुन्नड, मि. फिलिप्स एवं बीएचयू के पूर्व प्राध्यापक प्रो. मलिक ने भी गुरूदेव के बारे में अपने विचार व्यक्त किये.

इस अवसर पर पूर्व निदेशक, पावर कार्पोरेशन दिल्ली श्री पी० के० दास ने कहा कि रामगढ़ में शांतिनिकेतन बनाने की जो गुरुदेव की इच्छा थी उसे साकार करने हेतु भरपूर सहयोग करेंगे.

कार्यक्रम का संचालन श्री के. के. पाण्डेय द्वारा किया गया.

 

इस अवसर पर ट्रस्टी श्री नवीन वर्मा, ट्रस्टी डा. एस. डी. तिवारी, ट्रस्टी डा. सुरेश डालाकोटी, ट्रस्टी श्री हेमंत डालाकोटी, ट्रस्टी श्री एम. सी. जोशी, ट्रस्टी देवेन्द्र बिष्ट, श्री विजय शंकर चतुर्वेदी, श्री दीवान सिंह दरम्वाल, श्री विनोद जोशी, श्री ललित पंत एवं श्री मनोज पाण्डेय आदि उपस्थित थे.

सभी फोटो: सुधीर कुमार

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Sudhir Kumar

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