भाजपा के वरिष्ठ नेता बच्ची सिंह रावत का निधन हो गया है. बच्ची सिंह रावत को साँस लेने में परेशानी के कारण बीते दिन एयर एम्बुलेंस से हल्द्वानी से ऋषिकेश ले जाया गया था. उनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी भेजे गये थे.
(Bachi Singh Rawat Passed Away)
अल्मोड़ा रानीखेत के पाली गांव में जन्मे बच्ची सिंह रावत पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहने के सिवा पूर्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे थे. वह केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री भी रह चुके थे.
बच्ची सिंह रावत 1992 में 4 महीने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री रहे. 96 में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. 1998 में दोबारा लोकसभा में चुनकर गये. 1999 तक बच्ची सिंह रावत महत्वपूर्ण संसदीय कमिटियों का हिस्सा रहे. 1999 में फिर लोकसभा चुनाव हुए और तीसरी बार रिकॉर्ड मार्जिन से सांसद चुनकर गये. 1999 में बच्ची सिंह रावत ने पहली बार केंद्र सरकार में रक्षा राज्य मंत्री का पद संभाला. 1999 से 2004 तक वह निरंतर विज्ञान और तकनीकी केंद्रीय राज्यमंत्री रहे. 2004 से 2006 में भी वह लोकसभा सांसद बने. 2007 चुनाव में वह उत्तराखंड में पार्टी अध्यक्ष बने और पार्टी को विधानसभा चुनावों में बहुमत दिलवाया. वह 2009 तक इस पद पर बने रहे.
(Bachi Singh Rawat Passed Away)
अल्मोड़ा से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने लखनऊ विश्विद्यालय से ग्रेजुएशन किया और आगरा विश्वविद्यालय से उन्होंने अर्थशास्त्र में एम ए की डिग्री हासिल की. 1 अगस्त 1949 को जन्में बच्ची सिंह रावत राज्य भर में बचदा नाम से लोकप्रिय हैं.
1992 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा में शामिल हुये. उनकी गिनती राज्य के सबसे वरिष्ठ नेताओं में की जाती थी. अभी-अभी उनके निधन की ख़बर आ रही है.
(Bachi Singh Rawat Passed Away)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…