प्रातः आठ साढ़े आठ बजे का समय था. रात को किसी पारसी कम्पनी का कोई रद्दी तमाशा अपने पैसे वसूल…
दीपावली के ठीक एक माह बाद जो दीपावली आती है उसका नाम है मंगसीर बग्वाल. इसे उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में…
देश और दुनिया के लोगों के दिमाग में माल्टा शब्द सुनकर यूरोपीय देश का ध्यान आता है. पर एक असल…
1970 की गर्मियों का प्रारंभ था. गंगा के मैदान में गर्मियों के बारे में सभी जानते हैं. यहाँ पर मौसम…
पिथौरागढ़ में वर्ष भर फुटबॉल खेली जाती थी. लेकिन दूर्नामेंट का आयोजन देवसिंह मैदान में ही होता और खेल का…
पहाड़ से मैदान की ओर जाने पर लगता है जैसे सीढ़ी से उतरते हुए चौक में आ रहे हों. कोटद्वार…
दून पुस्तकालय एवम् शोध केंद्र की ओर से लोक संस्कृतिविद् जुगल किशोर पेटशाली की कुमाऊं की लोकगाथाओं पर आधारित पुस्तक…
आप काफल ट्री की आर्थिक मदद कर सकते हैं संस्कार गीत संस्कार सम्बन्धी लोक गीत…
कोरोना महामारी ने समाज के बहुसंख्यक लोगों की जीवन-दिशा को बदला है. जीवन में अचानक आये इस संकट ने लोगों…
खेती के इतिहास का सभ्यता के विकास के साथ अटूट सम्बन्ध है. इसी के आधार पर मनुष्य अपने समाज की…