नैनीताल जिले का तराई-भाभर क्षेत्र शिवालिक पर्वत की जड़ में स्थित है. पहाड़ों से तेजी से बहकर आने वाली नदियों…
कुमाऊं के बहुत से क्षेत्रों में सातों-आठों सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. सातों-आठों कुमाऊं का एक ऐसा लोकपर्व है जिसमें स्थानीय लोग मां…
आखिरकार एक साल के इंतजार के बाद एक बार फिर से नंदा के जयकारों से पूरे पहाड़ का लोक नंदामय…
1 सितम्बर, 1994 की सुबह खटीमा में हमेशा की तरह एक सामान्य सुबह की तरह शुरू हुई. लोगों ने अपनी…
मानसून उत्तराखण्ड के सीमान्त गाँवों के लिए हर साल बुरी ख़बरों का पैगाम लेकर आता है. इस बरसात की पहली…
जिसे यह बात समझ में आ जाए कि जीवन जीने के लिए है, सोचने के लिए नहीं, उसे कभी कोई…
इस दुनिया को बेहतर और जीवंत बनाने की पहल करने वाला वाला निश्चित ही एक घुमक्कड़ रहा होगा. भारी भरकम…
अगर आप केवल टी-शर्ट में ‘पहाड़ी’ लिखकर तनकर चलने वाले पहाड़ियों में हैं तो ‘यकुलाँस’ का पहला मिनट उत्साह से…
यह शोध हमारे विश्वविद्यालय में वनस्पति-विज्ञान के प्रोफ़ेसर साहब ने किया था. हिंदी समाज के आम प्राध्यापक की तरह वो…
पिछले डेढ़ साल की कोराना महामारी की अफरातफरी और लगभग कैदी जीवन के बीच पिछले हफ्ते हमने स्याही देवी की…