साहित्य की दुनिया पूसा इंस्टिट्यूट के भीतर अनुसंधान की दुनिया थी. उसके बाहर एक और दुनिया थी जिसमें मुझे जल्द से जल्द जाना था. वह थी, साहित्य और साहित्यकारों की दुनिया. उस दुनिया के कई स्वप्न लेकर मैं दिल्ली आया था. इसलिए सबसे पहले इंस्टिट्यूट के गेट... Read more