पड़ोस के गांव गंगनौला की चाची का परिवार टनकपुर के लिए पलायन कर गया तो उन्होंने अपनी दुधारू गाय सस्ते दामों पर बेच दी, जबकि दो-ढाई साल का बछड़ा हमें मुफ्त में दे दिया. ईजा ने भी उसे ले लिया कि घर का बैल लल्या अब बूढा हो रहा था. वो लात बहुत मारता था, [... Read more