Featured

कौन हैं यज़ीदी

यज़ीदी महिला अधिकार कार्यकर्ता नादिया मुराद को 2018 का नोबेल शांति पुरस्कार मिलने के बाद एक बार फिर लोगों की दिलचस्पी यज़ीदी समुदाय को लेकर बढ़ गयी है. इससे पहले लोगों की दिलचस्पी इस समुदाय के प्रति तब बढ़ी थी जब 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंक से डरकर इस समुदाय के 50,000 लोगों ने उत्तर-पश्चिमी इराक़ के पहाड़ों पर शरण ले रखी थी. घेराबंदी के कारण यज़ीदियों को खाने और पीने की समस्या से जूझना पड़ा था और अचानक दुनिया की दिलचस्पी इस बेहद गुमनाम धर्म के बारे में जगी थी.

पारंपरिक रूप से उत्तर-पश्चिमी इराक, उत्तर-पश्चिमी सीरिया और दक्षिण-पूर्वी तुर्की में छोटे-छोटे समुदायों में रहने वाले यजीदी दुनिया के सबसे पुराने धर्म को मानते हैं, जिसे यज़दान कहते हैं. यजीदी को ईसासियत से निकले इस्लामिक युग के प्रारंभिक पंथ से जोड़कर देखा जाता है. इनकी धार्मिक मान्यताएं अलग होती हैं, जिसके कारण यज़ीदियों को अक्सर गलत ढंग से ‘शैतान के उपासक’ कह दिया जाता है.

यजीदी धर्म की शुरुआत 12वीं सदी में शेख़ अदी इब्न मुसाफिर ने की थी. यजीदी अपने ईश्वर को याज़्दान कहते हैं. इनके मुताबिक दुनिया को बनाने के बाद ईश्वर ने इसकी देखभाल के लिए सात फरिश्तों को तैनात किया है. इन फरिश्तों में ‘मलक ताउस’ यानि मोर का फरिश्ता प्रमुख है. मलक ताउस का अन्य नाम शायतन भी है, जिसका अरबी में मतलब ‘शैतान’ है. और इसी वजह से उनकी छवि ‘शैतान का उपासक’ की बन गई.

यजीदी धर्म के मानने वाले बाइबल और कुरान दोनों ही धर्मग्रंथों में आस्था रखते हैं. दोनों किताबों के मिले-जुले स्वरूप का पालन भी करते हैं. इस धर्म के अनुयायी दिन में पांच बार सूर्य की तरफ मुंह करके पूजा करते हैं. उनकी कब्रों का मुंह पूरब दिशा की तरफ होता है.

पादरी पवित्र जल से बच्चों का धर्म संस्कार (बपतिस्मा) करते हैं. शादियों में पादरी रोटी को दो हिस्सों में तोड़कर पति-पत्नी को देते हैं. दिसंबर में यज़ीदी तीन दिन का उपवास करते हैं और पीर के साथ शराब पीकर उपवास तोड़ते हैं. यज़ीदी जानवरों की क़ुर्बानी भी देते हैं और बच्चों की ख़तना भी कराते हैं.

इस्लामिक स्टेट यज़ीदी समुदाय को उम्मेयद राजवंश के शासक कौन हैं यज़ीद से जोड़कर देखती है. यज़ीद खुद ही मुसलमानों का खलीफा बन बैठा था.  यज़ीद, माविया का बेटा था. माविया वो था जिसने सुन्नियों के पहले खलीफा और शिया के पहले इमाम यानी मुहम्मद साहब के दामाद ‘अली’ को मारकर सत्ता हथिया ली थी. यज़ीद ने बाद में इराक स्थित कर्बला में अली के बेटे इमाम हुसैन को मरवा दिया था. इसी वजह से इस्लामिक स्टेट यज़ीदी समुदाय को मिटा देना चाहता है हालांकि यज़ीदी समुदाय का इस सब से कुछ भी लेना देना नहीं है.

यज़ीदी समुदाय आज विश्व भर में इस्लामिक स्टेट के नरसंहार का सामना कर रहा है. उनकी जनसंख्या में 2014 के बाद से तीव्र गति से कम हुई है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

2 days ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

6 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

6 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

6 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

6 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

6 days ago