Featured

वैश्विक स्तर पर बढ़ी भूख की समस्या

खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति की विश्व 2018 रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पूरे अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भूख की समस्या बढ़ रही है. 2017 में नौ में से एक व्यक्ति भूख से ग्रसित रहा है. 2017 में विश्व में लगभग 821 लोग भूखे रहे हैं. वहीँ 8 में से एक से भी अधिक व्यस्क मोटापे से ग्रस्त हैं.

यह लगातार तीसरा वर्ष था जब एक दशक तक गिरावट के बाद वैश्विक भूख के स्तर में वृद्धि हुई है. खाद्य  की उपलब्धता और गुणवत्ता को तापमान में बढ़ती विविधता; तीव्र, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम आदि प्रभावित कर रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन, सोमालिया, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान जैसे कई राष्ट्र सूखे और बाढ़ जैसे एक या अधिक जलवायु खतरों से भी पीड़ित हैं. दक्षिण अमेरिका में भूख की बदतर स्थिति, क्षेत्र की मुख्य निर्यातक वस्तुओं – विशेष रूप से कच्चे तेल की कम कीमतों के कारण हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण अनुमानतः 2.3 मिलियन लोगों ने जून माह में वेनेज़ुएला छोड दिया था.

हाल ही में चैरिटी सेव द चिल्ड्रेन ने चेतावनी दी कि युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में वित्तपोषण कम होने और युद्धरत दलों द्वारा खाद्य आपूर्ति रोके जाने से 600,000 बच्चे इस वर्ष के अंत तक चरम भूख की वज़ह से मर सकते हैं.

भोजन की अनिश्चित या अपर्याप्त उपलब्धता मोटापे में भी योगदान देती है क्योंकि सीमित वित्तीय संसाधन वाले लोग सस्ते, ऊर्जा-सघन प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का चयन कर सकते हैं जिसमें वसा, नमक और चीनी की उच्च मात्रा शामिल होती है. भ्रूणावस्था और प्रारंभिक बाल्यावस्था में भोजन की अनुपलब्धता जीवन में आगे चलकर मोटापे को आमंत्रित करता है.

भूख की समस्या का हल गरीबी को समाप्त करने से हो सकता है तथा इसके लिये परिवर्तनकारी निवेश की अत्यंत आवश्यकता है. विकसित देश इस दिशा में मानवीय सहायता के रूप में बेहतर कार्य तो कर रहे हैं लेकिन समस्या के मूल कारण लक्षित नहीं होने के कारण भूख की समस्या बढ़ती जा रही है.

‘द हिन्दू बिजनेस लाईन’ में छपे लेख के अनुवाद पर आधारित 

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 days ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

1 week ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

2 weeks ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago