फोटो: प्रो. मृगेश पाण्डे
पहाड़ों में जीवन अत्यंत कठिन है. इस कठिन जीवन को और अधिक कठिन बनाती है स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी. आज के वैज्ञानिक युग में हर रोग की दवा है हर रोग का इलाज है लेकिन जब विज्ञान न था तब रोगों का ईलाज आस्था था.
(Traditional Treatment of Toothache)
लोगों को किसी भी प्रकार का रोग हो ईश्वर की शरण उसका ईलाज था. वहां मंत्र तंत्र का जाप उसकी इसी आस्था का अगला रूप है. बुखार हो पेट में दर्द हो सांप काट ले सबका ईलाज ईश्वर की शरण में था. मंत्र होते तंत्र होते कुछ ठीक होते कुछ नहीं भी.
एक बीमार व्यक्ति के लिये स्वस्थ हो जाने का विश्वास सभी दवाओं ज्यादा उपयोगी होता है. उत्तराखंड के पहाड़ी समाज के लिये तो यह और भी अधिक सही बैठता है. यहां घर -घर में ऐसी कहानियां हैं जिन्हें कुछ लोग बड़ी आस्था से मानते हैं तो कुछ आडम्बर बताते हैं.
(Traditional Treatment of Toothache)
मंत्रों से ईलाज उत्तराखंड में सदियों से किया जाता है और आज अनेक पिछड़े क्षेत्रों में ये अचूक ईलाज माने जाते हैं. मंत्रों द्वारा किये जाने वाले इन इलाजों में किसी स्थानीय वस्तु, अनाज इत्यादि का प्रयोग कर मंत्रोच्चारण किया जाता है.
मंत्रोच्चारण में अपने गुरु या इष्टदेव या अपने लोकदेवता को याद किया जाता है. उसके प्रति समर्पण भाव दिखाकर यह कामना की जाती है कि वह उस बीमारी को दूर कर देंगे.
जैसे दांत में कीड़ा लगने पर चावल, कुशा और दाल के पांच छोटे-छोटे टुकड़े लेते हैं. मुंह के भीतर दाड़ में दाल और चावल के टुकड़े रखे जाते हैं और कुशा के प्रत्येक टुकड़े से इसे मंतरा जाता है. इस समय कहा जाने वाला मंत्र है:
ऊँ नमो गुरुजी को आदेस
कुं कुसारू कुं कुमारू
दाढ़ी मुड़े वस्यै कीड़ी
बारा बरस को मारू पीड़ा
चवक करे धवक करे तो
महादेव पारवती की आण पड़े
फुर्र मन्त्र फट स्वाहा
(Traditional Treatment of Toothache)
इस मंत्र के बाद दाल चावल थूक दिये जाते हैं. कहा जाता है कि इसके साथ ही दांत से कीड़ा निकल जाता है. इसी तरह दांत दर्द के लिये भी मंत्र हैं. दांत दर्द के समय अंगुली से या सुई, दराती या चाकू के फल को दर्द वाले दांत के पास रखते हैं और निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं:
हाड़-हाड़, मांसो-मांसो,
नौ नाड़ी बहत्तर कोठा,
खाये खिचखिचावे खून करे,
दर्द करे,
काल भैरव को चक्र फाटे,
हनुमान की दुहाई,
सीता पार्वती की दुहाई
फुर् मन्त्रो ईश्वरो वाच
ऊँ फट स्वाहा
(संदर्भ: पद्मादत्त पन्त द्वारा संग्रहित रोगोंपचारक लोक मंत्र संग्रह)
(Traditional Treatment of Toothache)
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