Laxman Singh Bisht Batrohi

देशभर में बच्चों के प्यारे देवेन दा आज से जीवन के 77वें साल में प्रवेश कर रहे हैं

देवेन मेवाड़ी की किताबों में उनकी सर्टिफिकेट जन्मतिथि 7 मार्च 1944 दर्ज है अलबत्ता उनकी माताजी के हिसाब से देवी…

4 years ago

शैलेश मटियानी से पहली मुलाकात

यह किताब मैंने 2001 में मटियानीजी की मृत्यु के फ़ौरन बाद लिखनी शुरू की थी और इसके न जाने कितने…

4 years ago

तनावहीन चेहरे वाला एक लेखक : पंकज बिष्ट

पहली मुलाक़ात में ही मैंने महसूस किया था कि हम दोनों के बीच कई चीजें समान होते हुए भी वह…

4 years ago

‘गहन है यह अंधकारा’ की समीक्षा : लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’

औपनिवेशिक मूल्यों की तलछट पर बिछा एक लाचार समाज भारत को आज़ादी तो 1947 में मिल चुकी थी; मगर आज…

4 years ago

रूस के एक यात्री ने लिखी थी कुमाऊनी लोककथाओं की पहली किताब

यह बात सभी जानते हैं कि हिंदी साहित्य का पहला संकलन फ्रेंच भाषा में गर्सा द तासी के द्वारा 1850…

4 years ago

घाम दीदी इथकै आ, बादल भिना उथकै जा

अब ऐसे नज़ारे कम दिखाई देते हैं, मगर हमारे छुटपन में जब पहाड़ों का आकाश हर वक़्त बादलों से घिरा…

4 years ago

मां की सिखाई ज़बान भूल जाने वाला बेटा मर जाता है

खुद को अभिव्यक्त करने का सलीका मैंने अपने दौर के वरिष्ठ और चर्चित लेखक शैलेश मटियानी से सीखा. और यह…

4 years ago

मुफ्त में लिखा गया उत्तराखण्ड का राज्यगीत

“कहाँ हो बंकिम, कहाँ हो रवीन्द्र! आओ, उत्तराखंड का राज्यगीत लिखो ये वाक्य उत्तराखंड के एक प्रगतिशील समझे जाने वाले…

5 years ago

आमिर खान, उसके बेटे और भेड़ की मोटी दुम के लहसुन वाले खीनकालों का किस्सा

हिंदी लेखन की हालत आजकल एक ऐसी संतान की तरह हो गयी है, जिसके बाप के रूप में एक ओर…

5 years ago

क्या आपने पहाड़ी बकरी को चरते देखा है?

कहते हैं, संसार का सबसे निरापद और स्वादिष्ट जीव बकरी है. उस पर अगर वो पहाड़ी हो तो क्या कहने.…

5 years ago