आज जब कि सारी दुनिया में वन्यजीवों को बचाने के लिए आन्दोलन चलाये जा रहे हैं और सरकारें ‘बाघ बचाओ’…
द्वितीय केदार मदमहेश्वर मद्महेश्वर, मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह पंचकेदार मंदिर समूह…
पूरे देश में अगले महीने से सत्रहवीं लोक सभा के चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने घोषणा की…
विभिन्न नामों से जाना जाता है झंगोरा उत्तराखण्ड में झंगोरा (Jhangora) नाम से पहचाने जाने वाले अनाज का वानस्पतिक नाम…
कार्तिग के महीने गांव के ऊपर नीचे की सारियां फसल काटने के बाद खाली हो जाती. आसमान बरसात के बाद…
बरसाती झड़ी की एक सुबह से मैंने दादी से रट लगाई दूध का हलवा बना. वो बोली आज पिस्युं नी…
बर्फ पड़ने के बाद की सुरसुराहट अब कम होने लगी थी. डाँडी-काँठी में जमा ह्यूं सर्दीले घाम के मद्धिम ताप…
जिन दिनों खेतों में हल लगाने का काम होता घर के सब बड़े लोग बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं…
भरपूर चढ़क रूढ़ (गर्मी) पड़ रही थी. माटु, ढुंगी, पेड़, पत्ती, अल्मोड़ी, घिलमोड़ी, पौन-पंछी, कीट-पतंगारे, सांप-बाघ सब रूढ़ से बेहाल.…
इन दिनों भादो-असोज के चटक नीले आसमान से बिखरते घाम से हरे गलीचे सी बिखरी घास, पेड़ों की टहनियों से…