हल्द्वानी

1850 तक एक भी पक्का मकान नहीं था हल्द्वानी में1850 तक एक भी पक्का मकान नहीं था हल्द्वानी में

1850 तक एक भी पक्का मकान नहीं था हल्द्वानी में

दस्तावेजों में हल्द्वानी का जिक्र 1824 में मिलता है जब उस साल हैबर नाम का एक अंग्रेज पादरी बरेली से…

6 years ago
तब ऐसी ईमानदारी थी हल्द्वानी मेंतब ऐसी ईमानदारी थी हल्द्वानी में

तब ऐसी ईमानदारी थी हल्द्वानी में

दो दिन पहले एक मित्र का एक दुकान में कुछ सामान खरीदने के दौरान पर्स छूट गया. मेरे मित्र दोबारा…

6 years ago
पहाड़ के मडुवे-दालों को देश भर के बाजारों में पहुंचाया है हल्द्वानी की किरण जोशी नेपहाड़ के मडुवे-दालों को देश भर के बाजारों में पहुंचाया है हल्द्वानी की किरण जोशी ने

पहाड़ के मडुवे-दालों को देश भर के बाजारों में पहुंचाया है हल्द्वानी की किरण जोशी ने

सरस मार्केट हल्द्वानी में आइये हल्द्वानी की नैनीताल रोड पर कालू सैयद चौराहे से दस कदम आगे बढ़ते ही बायें…

6 years ago
जीवन अपने आप में एक दुर्घटना है : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का अंतिम हिस्साजीवन अपने आप में एक दुर्घटना है : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का अंतिम हिस्सा

जीवन अपने आप में एक दुर्घटना है : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का अंतिम हिस्सा

(पिछली कड़ी: ब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्सा)…

6 years ago
ब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्साब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्सा

ब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्सा

(पिछली कड़ी: बाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष - त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्सा)…

6 years ago
बाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष – त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्साबाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष – त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्सा

बाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष – त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्सा

(पिछली कड़ी - पिछली सदी के पहाड़ का दर्द जी उठता है त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा में) जब मैं…

6 years ago
पिछली सदी के पहाड़ का दर्द जी उठता है त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा मेंपिछली सदी के पहाड़ का दर्द जी उठता है त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा में

पिछली सदी के पहाड़ का दर्द जी उठता है त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा में

हल्द्वानी के रहने वाले श्री त्रिलोक सिंह कुंवर की यह जीवनगाथा मानवीय संवेदनाओं और संघर्षों का ऐतिहासिक बयान है. एक…

6 years ago
आदियोग फाउंडेशन वाली मानसी जोशी से मिलिएआदियोग फाउंडेशन वाली मानसी जोशी से मिलिए

आदियोग फाउंडेशन वाली मानसी जोशी से मिलिए

देश भर में हाल के वर्षों में आई महिला जागृति की लहर उत्तराखंड में भी देखी जा सकती है. अनेक…

6 years ago
एक हल्द्वानी-अल्मोड़ा कथा उर्फ़ संजू बाबू का एक और असफल प्रेमएक हल्द्वानी-अल्मोड़ा कथा उर्फ़ संजू बाबू का एक और असफल प्रेम

एक हल्द्वानी-अल्मोड़ा कथा उर्फ़ संजू बाबू का एक और असफल प्रेम

संजू बाबू नैनीताल के एक बड़े अंगरेजी स्कूल से पढ़े थे. यह इकलौता तथ्य उन्हें अधिकार देता था कि वे…

6 years ago

मैं हल्द्वानी हूँ – एक फिल्म

हल्द्वानी में पहले हल्दू के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे इसलिए उसे हल्द्वानी कहा जाने लगा. वर्तमान हल्द्वानी के…

6 years ago