शूरवीर रावत

लोककथा : तपस्या का फललोककथा : तपस्या का फल

लोककथा : तपस्या का फल

विरेन आज घर से बाजार के लिये यह कहकर निकला था कि वह पूरा सामान खरीद कर लायेगा. एक दुकान…

4 years ago
लोककथा : जिद्दी औरतलोककथा : जिद्दी औरत

लोककथा : जिद्दी औरत

एक गांव में एक औरत रहती थी. वह एक विरोधी स्वभाव व बहुत ईर्ष्यालु प्रवृत्ति की थी. कोई उसे कुछ…

4 years ago
लोककथा : मकड़ी के जाल पर मछलियांलोककथा : मकड़ी के जाल पर मछलियां

लोककथा : मकड़ी के जाल पर मछलियां

एक गांव में एक परिवार रहता था जिसमें परिवार के नाम पर दो ही सदस्य थे, पति और पत्नी. पति…

4 years ago

शादी के तीन महीने बारह दिन बाद शहीद सिपाही की पत्नी का मन

जीवन यूं ही गुजर रहा था तुम्हारे बिना, तुम्हारी दूसरी बार छुट्टी आने की आस में. चिट्ठी का इंतजार रहता…

4 years ago

लोककथा : शेरू और श्याम

सावित्री ने आज घर पर ही रहने का फैसला किया. थकाऊ खेती के काम से आज उसे फुरसत मिली थी.…

4 years ago

लोककथा : ह्यूंद की खातिर

पुरानी बात है जब दो वक्त की रोटी जुटाना ही बड़ी बात थी. उन्नत बीज और सही जानकारी न होने…

4 years ago

लोककथा : दुबली का भूत

सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्रों में स्थायी निवास के साथ-साथ प्रायः एक अस्थाई निवास बनाने का चलन है, जिसे छानी या खेड़ा…

4 years ago
पुण्यतिथि विशेष : प्रशासक, लेखक, पुरातत्वविद शूरवीर सिंह पंवारपुण्यतिथि विशेष : प्रशासक, लेखक, पुरातत्वविद शूरवीर सिंह पंवार

पुण्यतिथि विशेष : प्रशासक, लेखक, पुरातत्वविद शूरवीर सिंह पंवार

पुण्यतिथि (मई 05) पर विशेषशूरवीर सिंह पंवार (18/05/1907 - 05/05/1991) (Shoorveer Singh Panwar) अप्रैल 1992 में इलाहाबाद से आदरणीय मोहनलाल…

5 years ago
उत्तराखण्ड के लोकजीवन में रचे-बसे पातीण के पत्ते और पातनी देवीउत्तराखण्ड के लोकजीवन में रचे-बसे पातीण के पत्ते और पातनी देवी

उत्तराखण्ड के लोकजीवन में रचे-बसे पातीण के पत्ते और पातनी देवी

विजय दशमी पर गांव जाना हुआ ट्राली (Rope way) से टिहरी झील पार की और फिर पैदल गांव को चल…

5 years ago
कहानी – ‘द क्वारंटाइन डेज’कहानी – ‘द क्वारंटाइन डेज’

कहानी – ‘द क्वारंटाइन डेज’

कशरी को सूचना मिली कि उसका बेटा किड़ू शहर में महामारी की चपेट में आ गया. सूचना गांव के लड़के…

5 years ago