हाल ही में ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म एमएक्स प्लेयर में नयी मूवी रिलीज हुई है. पौराणिक कथाओं पर आधारित इस फिल्म का नाम है ‘कर्मा.’ फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया है. फिल्म 4 किरदारों के इर्द-गिर्द बुनी गयी है. इन किरदारों में से एक को निभाया है प्रज्ञा सिंह रावत ने. प्रज्ञा मूल रूप से उत्तराखण्ड के पौड़ी की रहने वाली हैं. हाल ही में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी प्रज्ञा का सिनेमाई सफर की शुरुआत एक बड़ी फिल्म से होना उनके लिए बड़ी उपलब्धि है और उत्तराखण्ड के लिए गर्व की बात है. इस फिल्म के साथ प्रज्ञा उत्तराखण्डी मूल के उन लोगों में शामिल हो गयी हैं जो थियेटर और सिनेमा की दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. (Pragya Singh Rawat)
कर्मा प्रज्ञा की पहली फिल्म नहीं है कई शार्ट मूवीज में अभिनय कर चुकी प्रज्ञा को पहला रोल मेघना गुलज़ार की फिल्म छपाक में मिला था. इसमें उन्होंने एक पत्रकार की छोटी सी भूमिका निभाई थी.
कम उम्र में ही कामयाब हो रही प्रज्ञा रावत के एक्टिंग कैरियर का सफ़र भी किसी फ़िल्मी कहानी जैसा ही है. प्रज्ञा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में ही हुई. इस दौरान उनकी रुचि का विषय था खेल. वे बेस बॉल की नेशनल प्लेयर थीं और कभी अभिनय करेंगी ऐसा उन्होंने नहीं सोचा.
साल 2014 में उनकी मां लक्ष्मी रावत ने अपने पारिवारिक दायित्वों से थोड़ा फुर्सत पर पेंडिंग पड़े थियेटर प्रोजेक्ट में कमबैक करने की योजना बनायी. इस नयी शुरुआत के लिए उन्हें एक एक्ट्रेस की जरूरत थी. ग्रेजुएशन के पहले साल की पढ़ाई कर रही प्रज्ञा थियेटर के इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई थीं तो उन्होंने कहा कि इस भूमिका के लिए उन्हें कोशिश करने दी जाए. कुछ रिहर्सल्स के बाद लगा कि वे इस रोल को निभा पाएंगी. इस तरह उनके अभिनय करने की शुरुआत हुई.
प्रज्ञा सिंह रावत ने इसके बाद धड़ाधड कई नाटकों में मुख्य भूमिका निभाई. जायज हत्यारे, जीतू बगड़वाल, चरणदास चोर, होली, कै जावा भेंट आखिर, चल अब लौट चलें इनमें प्रमुख हैं. इन नाटकों में से ज्यादातर उत्तराखण्ड की पृष्ठभूमि पर आधारित हिंदी नाटक हैं. अपने चर्चित नाटक ‘तीलू रौतेली’ में प्रज्ञा ने वीरांगना तीलू रौतेली का मुख्य किरदार निभाया. इस नाटक पर दैनिक हिंदू ने बाकायदा पूरे पेज का एक लेख छापा. उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने तीलू के न सिर्फ चार जगहों पर विभिन्न शोज करवाए बल्कि शो को अपने फोन से फेसबुक पर लाइव भी दिखाया.
इसके बाद प्रज्ञा को दूसरे निर्देशकों से भी काम करने के ऑफर मिलने लगे. अपनी मां के थियेटर ग्रुप और दिल्ली के कई अन्य नामी थियेटर ग्रुप्स के साथ काम करते हुए 2017 में उन्हें एलटीजी रिपर्टरी के लिए चुना गया. एक साल तक एलटीजी से काम करने के दौरान प्रज्ञा ने पिंजर, जूठन और मृत्युंजय जैसे बड़े नाटकों में लीड एक्ट्रेस के तौर पर अभिनय किया. पिंजर के सभी शो हाउसफुल गए और इसे पूरे देश में शोहरत मिली. अंग्रेजी दैनिक ‘हिन्दू’ ने इस पर एक बड़ा लेख भी प्रकाशित किया.
नाटक करने के दौरान प्रज्ञा ने फ्लैटमेट, अहेरी, अहिल्या शार्ट मूवीज में भी अभिनय किया. थियेटर और शार्ट मूवीज करते हुए ही उन्हें 2020 में फीचर फिल्म ‘छपाक’ के लिए काम करने का मौका मिला. थियेटर में उनके अभिनय की वजह से उनके पास इस छोटी सी भूमिका का ऑफर आया. इस तरह फिल्मों के लिए अभिनय करने का सिलसिला शुरू हुआ और जल्द ही प्रज्ञा को ‘कर्मा’ में एक बड़ी भूमिका निभाने का मौका मिला. जल्द ही प्रज्ञा अमेजन प्राइम की वेब सीरीज ‘हश हश’ में दिखाई देंगी.
इस समय प्रज्ञा श्रीराम सेंटर की रिपर्टरी के लिए काम कर रही हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से थियेटर से पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकी प्रज्ञा रावत की योजना उत्तराखण्ड के फोक पर पीएचडी करने की है. सिनेमा और टेलीविजन के बजाय वे थियेटर को ही अपनी कर्मभूमि बनाने का इरादा रखती हैं. हां, इस दौरान दिल्ली और उत्तराखण्ड रहते हुए उन्हें फिल्मों के कुछ प्रोजेक्ट मिलें तो उसे वे करना चाहेंगी.
(काफल ट्री के लिए प्रज्ञा सिंह रावत से सुधीर कुमार की बातचीत के आधार पर)
उत्तराखण्ड की लक्ष्मी रावत बनीं ‘श्रीराम सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट’ की वर्कशाप डायरेक्टर
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