एक समय था जब पिथौरागढ़ के लड़के जमीन से हैलीकाप्टर को इस उम्मीद से हाथ हिलाया करते थे कि एक दिन उनके यहां भी एक एयरपोर्ट तैयार होगा. अब ये लड़के इतने बड़े हो चुके हैं कि जमीन में खड़े हैलीकाप्टर के पंखे घुमाकर हैलीकाप्टर स्टार्ट कर सकते हैं.
पिथौरागढ़ नैनी – सैनी एयरपोर्ट विश्व में सबसे ज्यादा बार सफल ट्रायल देने वाला एयरपोर्ट बन गया है. यह विश्व का एकमात्र एयरपोर्ट है जिससे किया जाने वाला एक भी ट्रायल कभी फेल नहीं हुआ है. जल्द ही अपनी इस उपलब्धि के लिये गिनीज बुक में यह एयरपोर्ट नाम दर्ज करा लेगा.
एक फिर से 24 अक्टूबर से उड़ान भरने वाली इस कभी न उड़ने वाली फ्लाईट के टिकट की जिम्मेदारी रोडवेज को दी है. उत्तराखंड रोडवेज ने सहर्ष इस जिम्मेदारी को लेते हुये बताया कि उनका कंडेक्टर खिड़की वाली सीट में बैठकर सभी टिकट काटेगा. आधुनिकतम सुविधाओं से लेस कंडेक्टर मशीन से टिकट काटेगा.
बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की ख़ुशी में उत्तराखण्ड परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि वह विमान की हर खिड़की में नीले परदे और हर सीट के ऊपर एक पंखे अपनी ओर से लगायेगा. परिवहन विभाग ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि बीटेक करने वाले लड़कों की विमान से उतरते ही घोर चेकिंग की जायेगी और पंखा पाये जाने पर हैलीकाप्टर के पंखों की कीमत वसूली जायेगी.
दरसल सरकार बहादुर पिथौरागढ़ के लोगों को सप्राईज देने का प्लान बना रही है. 24 अक्टूबर के दिन में जब पूरा पिथौरागढ़ हमेशा की तरह नैनी – सैनी की उड़ान की तारीख भूल चुका होगा तब नौ सीट वाला यह बड़ा विमान आठ यात्रियों समेत गले में आधुनिक मशीन टिकट टांगे कंडेक्टर के साथ बिना किसी सू – सांट के उतर जायेगा.
एक जानकारी जिस जगह पर आज नैनी –सैनी का सिल पट्टा जैसा पट्टा बिछा है 25 साल पहले पूरे पिथौरागढ़ नगर में यह सबसे ज्यादा उपजाऊ भूमि में गिना जाता था इस जमीन पर केवल धान के ही 22 किस्म उगाये जाते थे. ख़ैर पिथौरागढ़ नगरवासियों को एक बार फिर उड़ने के लिये बधाईयाँ और सलाम है आपके धैर्य को जो 25 सालों से बना हुआ है.
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